शोध में दाखिले को लेकर बनी नियमावली का विरोध कर रहे थे छात्र
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बीएचयू में शोध में दाखिले को लेकर छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने, अनशन के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई अहम फैसले किए। रेट/नेट एक्जंपटेड श्रेणी में जेआरएफ/नेट के नॉर्मलाइज्ड स्कोर में से 50 अंक पाने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह अब अभ्यर्थियों को टेस्ट-बी में भौतिक रूप से उपस्थित होकर शोध प्रस्ताव लिखना होगा। शोध प्रस्ताव के विभिन्न भागों के अंकों की योजना प्रवेश के समय पर घोषित की जाएगी। इसका आदेश जारी करने के साथ ही छात्रों को भी जानकारी दे दी गई है। इसके बाद छात्रों ने धरना खत्म कर दिया।
विश्वविद्यालय में 18 दिन से छात्र परीक्षा नियंता कार्यालय पर धरना देकर शोध में दाखिले की नियमावली को गलत बताकर नेट जेआरएफ की परीक्षा के अंकों के आधार पर नामांकन प्रक्रिया रद करने के साथ 11 सूत्रीय मांग कर रहे थे। आदेश में रेट/नेट एक्जंपटेड श्रेणी के तहत पीएचडी में प्रवेश के लिए साक्षात्कार के लिए पूर्व में निर्धारित फॉर्मूला वापस ले लिया गया है।
कहा गया कि इसके स्थान पर सामान्य श्रेणी के उन सभी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जिन्होंने टेस्ट-बी में 40 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हासिल किए हैं। साथ ही ओबीसी/एससी/एसटी/ईडब्ल्यूएस/पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी के अभ्यर्थी जो 35 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करेंगे, वह साक्षात्कार के लिए बुलाए जाएंगे।