Bihar : सीएम नीतीश ने डराया- ज्यादा दिन नहीं रहेगी धरती, इस टेक्नोलॉजी से बताया डर; आमजन से की यह अपील

Bihar : सीएम नीतीश ने डराया- ज्यादा दिन नहीं रहेगी धरती, इस टेक्नोलॉजी से बताया डर; आमजन से की यह अपील



नीतीश कुमार ने मोबाइल और हिंदी को लेकर कही यह बातें।
– फोटो : अमर उजाला

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“हम भी करते रहते थे। 2019 के बाद हमने देखा कि भई आपका जो यह यूज हो रहा है, अब तो पूरी धरती ही… मोबाइल का इतना तो इस्तेमाल हो रहा है…अब कितना दिन रहेगी…ज्यादा दिन तो रहेगी नहीं, धरती तो ज्यादा दिन रहेगी नहीं। जब-जब धरती खत्म हुई है, ऐसी ही टेक्नोलॉजी आई है…सबलोग उसी पर चले गए हैं…और अपना सबचीज भुलाकर इसी को याद करते रहते हैं, देखते रहते हैं…एक समय आएगा, जिसमें सब मिस कर जाएगा, एक-एक बात को भूल जाएगा। उसके बाद धरती खत्म, आदमी खत्म! यह तो आ ही रहा है। इसलिए, हमलोग एकदम बंद कर दिए हैं। आजकल देख रहे हैं कि सबलोग उसी को देखते रहता है। आप तो जानते हैं कि मोबाइल वाला चक्कर कितना चल गया है। सबको देखते हैं…बच्चा-बच्चा तक।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोबाइल की लत को लेकर सोमवार को पटना में हिंदी सेवियों के सम्मान समारोह के दौरान यह बातें कही।

हिंदी को लेकर किया यह आग्रह

मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग की ओर से हिंदी सेवी सम्मान 2020-21 और 2021-22 के लिए पुरस्कार दिए जाने के अवसर पर मौजूद हिंदी सेवियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम एक आग्रह करेंगे कि आप लोग हिंदी को लेकर आमजन के बीच संदेश दीजिए। बताइए कि हिंदी कितनी बड़ी चीज है। उन्होंने कहा- “हम देख रहे हैं कि सब जगह हिंदी लिखता है, लेकिन साथ-साथ अंग्रेजी भी लिख देता है। हिंदी तो हिंदी है। उसको हिंदी में ही लिखना चाहिए। आजकल हम लोग हर जगह देख रहे हैं कि हर जगह लोग हिंदी के नीचे अंग्रेजी लिख देते हैं। हम आग्रह करेंगे कि ऐसे लोगों को सलाह दीजिएगा कि हिंदी को हिंदी में ही लिखें। हिंदी में जो लिखना है, अंग्रेजी में उसको लिखने की जरूरत नहीं है। हम लोग तो जब केंद्रीय मंत्री थे तो था कि कुछ कानून बनता तो हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखा जाता था, क्योंकि दोनों का महत्व है।”

बताया- अंग्रेजी की ट्रेनिंग भी दिलाते हैं

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अंग्रेजी भी जानना चाहिए। दोनों का महत्व है, तभी तो हम बच्चों को 2016 से ही ट्रेनिंग दिलवा रहे हैं। दूसरे राज्य में जाओगे तो अंग्रेजी भी आनी चाहिए, इसलिए भी उसका महत्व नहीं कम कह रहे हैं। हम इंजीनियरिंग में थे तो अंग्रेजी में ही जवाब देना पड़ता था।  जो कुछ पढ़ाया जाता था, अंग्रेजी में लिखना पड़ता था। जानना तो चाहिए। लेकिन, हिंदी का महत्व है। इसलिए हमारा यह आग्रह है कि इसके लिए लोगों को संदेश दें।



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