Cabinet: उज्ज्वला लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर पर राहत, अब 200 रुपये की जगह 300 रुपये सब्सिडी देने का एलान

Cabinet: उज्ज्वला लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर पर राहत, अब 200 रुपये की जगह 300 रुपये सब्सिडी देने का एलान



कैबिनेट का फैसला
– फोटो : amarujala.com

विस्तार


सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए सब्सिडी राशि 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति एलपीजी सिलेंडर कर दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कैबिनेट के फैसलों पर एक ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। रक्षा बंधन के मौके पर गैस सिलेंडर के दामों में 200 रुपए की कटौती की गई थी…आज से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की सब्सिडी 200 रुपए से बढ़ाकर 300 की जा रही है।”

भारत सरकार ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना को अधिसूचित किया है। यह बोर्ड हल्दी के बारे में जागरूकता और खपत बढ़ाने में मदद करेगा और निर्यात बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजार विकसित करेगा।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तेलंगाना में सम्मक्का सरक्का केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है।

उज्ज्वला लाभार्थियों को वर्तमान में 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर के लिए 703 रुपये प्रति सिलेंडर का भुगतान करना पड़ता है, जबकि बाजार मूल्य 903 रुपये है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के बाद अब उन्हें महज 603 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।

तीन केंद्र शासित प्रदेशों के लिए किरायेदारी नियमन को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान व निकोबार, दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव के लिए किरायेदारी नियमन को मंजूरी दे दी है ताकि परिसरों को किराए पर देने के लिए जवाबदेह और पारदर्शी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के वास्ते ”कानूनी ढांचा” मुहैया कराया जा सके।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संविधान के अनुच्छेद 240 के तहत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह किरायेदारी विनियमन, 2023, दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव किरायेदारी विनियमन, 2023 और लक्षद्वीप किरायेदारी विनियमन, 2023 की घोषणा के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।  

अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है। बयान में कहा गया है कि ये नियम मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हितों और अधिकारों को संतुलित करके केंद्र शासित प्रदेशों में परिसर किराए पर लेने के लिए एक जवाबदेह और पारदर्शी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेंगे।

बयान में कहा गया है, “नियमों से किराये के बाजार में निजी निवेश और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, प्रवासियों, औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों, पेशेवरों, छात्रों आदि सहित समाज के विभिन्न आय वर्गों के लिए पर्याप्त किराये के आवास का निर्माण होगा।”





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