लिबरल पार्टी के नेता चंद्रा आर्य।
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कनाडा में एक भारतीय मूल के सांसद ने कुछ वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों को “हत्यारा” करार देने वाले खालिस्तान समर्थक उत्तेजक पोस्टरों की निंदा की। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पिछे सांप अपना सिर उठा रहे हैं और फुंफकार रहे हैं।
लिबरल पार्टी के नेता चंद्रा आर्य (Chandra Arya) भारत के कर्नाटक से हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि यह केवल समय का सवाल है कि वे वे कब मारने के लिए काटेंगे, यह कनाडा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा बढ़ते खतरे का एक स्पष्ट संदर्भ है। आठ जुलाई को तथाकथित ‘खालिस्तान स्वतंत्रता रैली’ की घोषणा करने वाला एक पोस्टर ट्वीट करते हुए आर्य ने कहा, कनाडा में खालिस्तानी हिंसा और नफरत को बढ़ावा देकर हमारे अधिकारों और स्वतंत्रता के चार्टर का दुरुपयोग करने में लगातार निचले स्तर पर पहुंच रहे हैं। आर्य कनाडा के ओंटारियो प्रांत में नेपियन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आर्य ने ट्वीट कर कहा, हाल ही में ब्रैम्पटन परेड में भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या को चित्रित करने और जश्न मनाने के लिए निर्वाचित अधिकारियों की ओर से आलोचना न किए जाने से उत्साहित होकर, वे अब खुलेआम भारत के राजनयिकों के खिलाफ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं। 59 वर्षीय सांसद ने ट्विटर पर लिखा, हालांकि यह देखना अच्छा लग रहा है कि कनाडाई अधिकारी इस पर ध्यान दे रहे हैं, हमें ध्यान देना चाहिए कि हमारे पिछे में सांप अपना सिर उठा रहे हैं और फुंफकार रहे हैं। यह केवल समय बता सकता है कि वे कब डसते हैं।
खालिस्तानी पोस्टर ने ओटावा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में महावाणिज्यदूत अपूर्व श्रीवास्तव को खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर का “हत्यारा” बताकर पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया है।
यह मामला खालिस्तानियों के ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं वर्षगांठ मनाने के एक महीने बाद सामने आया है। खालिस्तानियों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक प्रदर्शनी लगाई थी, जिसमें उनके कपड़ों पर खून लगा था और एक पोस्टर लगा था जिस पर लिखा था, “श्री दरबार साहिब पर हमले का बदला”।
भारत ने सोमवार को नई दिल्ली में कनाडाई दूत को तलब किया और कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर आपत्तिपत्र (Demarche) जारी किया। पता चला है कि भारत ने कनाडा के अधिकारियों से आठ जुलाई को कनाडा में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तान समर्थक समूहों द्वारा नियोजित विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर उचित कदम उठाने को भी कहा है।
कनाडा ने मंगलवार को भारत को राजनयिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। इससे एक दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों से “चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा” को जगह नहीं देने के लिए कहा है क्योंकि यह संबंधों के लिए अच्छा नहीं है।