खालिस्तानियों ने कनाडा के टोरंटो में विरोध।
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खालिस्तान समर्थकों ने शनिवार यानी आठ जुलाई को अलग-अलग जगह विरोध-प्रदर्शन किया। इसी क्रम में, खालिस्तानियों ने कनाडा के टोरंटो में भी भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने प्रदर्शन किया। हालांकि, यहां भारतीय समुदाय के लोगों ने इनको मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतवंशियों ने तिरंगा लहराकर आतंकियों का मुकाबला किया।
इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक तरफ खालिस्तानी समर्थक भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने नारेबाजी कर रहे। वहीं दूसरी ओर, इनका मुकाबले करने के लिए अच्छी खासी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग राष्ट्रीय ध्वज के साथ एकजुट हुए। वह लगातार तिरंगा लहराकर आतंकियों का विरोध करते रहे।
#WATCH | Members of the Indian diaspora held a counter protest against pro-Khalistan supporters in front of the Indian consulate in Canada’s Toronto on July 8 pic.twitter.com/lZvRiSdVs1
गौरतलब है, इससे पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर 30-40 खालिस्तानी समर्थकों के इकट्ठा होने की खबर आई थी। मामला स्थानीय समयानुसार दोपहर 12.30 से 2.30 के बीच का है। मौके पर यूनाइटेड किंगडम पुलिस भी पहुंच गई थी। हालांकि, कुछ देर बाद खालिस्तान समर्थकों ने जगह को खाली कर दिया और वहां से भाग निकले। मामला ऐसे वक्त सामने आया है जब सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि अगल-अलग देशों में खालिस्तानी समर्थक भारतीय उच्चायोग को निशाना बना रहे हैं।
खालिस्तान समर्थक रैली में बहुत कम लोग हुए शामिल
लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानी समर्थक समूहों द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन में बहुत कम लोग शामिल हुए। रैली में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. शशांक विक्रम की तस्वीरों के साथ हिंसा भड़काने वाले विवादास्पद पोस्टरों का इस्तेमाल किया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था और रैली बहुत जल्दी खत्म हो गई। इस सप्ताह की शुरुआत में, सोशल मीडिया पर खालिस्तानी चरमपंथियों के भारत विरोधी पोस्टर सामने आने के बाद ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की था कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी सीधा हमला अस्वीकार्य है।
राजनयिक परिसरों के बाहर भारत विरोधी तत्वों के दुस्साहस और लंदन में भारतीय राजनयिकों को मिल रही धमकियों के बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने लंदन में भारतीय राजनयिकों को धमकियां मिलने का मुद्दा उठाया है, लेकिन ब्रिटेन के अधिकारी मामले को सिर्फ इसी तरह से देख रहे हैं जैसे कोई सामान्य घटना कहीं किसी जगह हो जाती है। इसकी गंभीरता और इसके पीछे के मकसद पर गौर किया जाना बहुत जरूरी है।
सैन फ्रांसिस्को में बढ़ाई गई भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा
वहीं, आठ जुलाई को प्रस्तावित खालिस्तान समर्थक रैली के मद्देनजर सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दूतावास के बाहर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि दो जुलाई को खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था। वहीं, वॉशिंगटन डीसी में भी भारतीय दूतावास के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई। अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने दूतावास पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
भारत ने जताया था कड़ा एतराज
इससे पहले गुरुवार को अरिंदम बागची ने कहा था कि हमारे राजनयिक परिसर में हिंसा अस्वीकार्य है। हमारे राजनयिकों को धमकाने और पोस्टरबाजी जैसी घटनाओं को भी गंभीरता से ले रहे हैं। हम ऐसी घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।