हर तरफ उत्साह का रहा माहौल
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चांद पर जैसे ही हिंदुस्तानी कदम पड़े, काशी भारत मां के जय-जयकार से गूंज उठी। उत्साह, उल्लास और उमंग ऐसा, जिसे शब्दों में बयां कर पाना हर किसी के लिए मुश्किल था। बेसब्री से शाम के 6.04 बजने का इंतजार था और नजरें मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर स्क्रीन पर गड़ी थीं। जैसे ही चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई, हर काशीवासी गौरवान्वित हो उठा। रोमांच और उत्साह के साथ ये पल युवा, बड़े, बुजुर्ग के साथ बच्चों के लिए भी गौरवपूर्ण था। हो भी क्यों ना सदियों की तपस्या, बरसों के स्वप्न और करोड़ों की दुआओं का असर था ये…।
बुधवार की शाम 5.30 बजे ही काशी के हर कोने में कोई टीवी तो कोई बड़ी एलईडी स्क्रीन तो कोई मोबाइल पर नजरें टिकाए बैठ गया था। जैसे जैसे चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर आगे बढ़ रहा था, लोगों की धड़कनें भी बढ़ती जा रही थीं। जैसे ही चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह को स्पर्श किया, एक दूसरे को बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया।
स्कूलों में तिरंगे के लिए तालियों का शोर गूंजा तो सड़कों पर आतिशबाजी का दौर शुरू हो गया। बधाइयों और शुभकामनाओं का दौर तो अनवरत चलता रहा। स्कूल और कॉलेजों में छात्र-छात्राओं में अलग ही उत्साह था। इससे पहले चंद्रयान-3 की सफलता के लिए कहीं मंदिर में पूजा-अर्चना हुई तो मस्जिदों में दुआख्वानी का दौर चला। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए रुद्राभिषेक हुआ।