वैज्ञानिक हरिशंकर गुप्ता और नेहा अग्रवाल।
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चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में संगमनगरी से जुड़े दो विज्ञानियों का भी अहम योगदान रहा। इनमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हरिशंकर गुप्ता और मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) की पूर्व छात्रा नेहा अग्रवाल शामिल हैं। दोनों ही वर्तमान में इसरो में कार्यरत हैं।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए जिस इंटेलीजेंस सेंसर का प्रयोग किया गया, उस तकनीक को विकसित करने वाली टीम में इसरो के वैज्ञानिक हरिशंकर गुप्ता भी शामिल रहे, जो इविवि के जेके इंस्टीट्यूट के छात्र रह चुके हैं। इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद में कार्यरत हरिशंकर गुप्ता ने इविवि के जेके इंस्टीट्यूट से वर्ष 1998 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन से बीटेक किया था।