Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 मिशन में शामिल हैं यूपी के ये वैज्ञानिक, सरस्वती शिशु मंदिर तो कोई केंद्रीय विद्यालय का है छात्र

Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 मिशन में शामिल हैं यूपी के ये वैज्ञानिक, सरस्वती शिशु मंदिर तो कोई केंद्रीय विद्यालय का है छात्र



Chandrayaan 3 Landing ISRO Scientists: आज यानी 24 अगस्त के दिन पूरी दुनिया की नजर भारत के चंद्रयान 3 पर टिकी हैं। बीती 14 जुलाई को चंद्रयान 3 लॉन्च किया गया था, वहीं आज चांद शाम चांद की सतह पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग होनी है। भारत के चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के लिए प्रार्थना का दौर जारी है। इस मिशन को सफल बनाने में देशभर के कई वैज्ञानिकों की अहम भूमिका है। चंद्रयान 3 मिशन के लिए किसी वैज्ञानिक ने कैमरा को किसी ने सॉफ्टवेयर बनाया है। चंद्रयान की सफल लॉन्चिंग में शामिल वैज्ञानिकों में कई उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे जिलों से जुड़े हुए हैं। आइए जानते हैं चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग टीम में शामिल यूपी के वैज्ञानिकों के बारे में।

डाॅ. रितु कारिधाल

लखनऊ की रहने वाली डाॅ. रितु करिधाल चंद्रयान 3 मिशन की डायरेक्टर हैं। रितु कारिधाल को भारत की रॉकेट वुमन कहा जाता है। लखनऊ के नवयुग कन्या महाविद्यालय से इंटरमीडिएट करने के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से भौतिकी में एमएससी की डिग्री हासिल की। बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में शामिल हुई और 1997 में ISRO में नौकरी का मौका मिला।



धर्मेंद्र प्रताप यादव

फिरोजाबाद के टिकरी गांव के धर्मेंद्र प्रताप यादव चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग टीम में शामिल हैं। इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे धर्मेंद्र प्रताप का इस मिशन में मुख्य कार्य चंद्रयान से सिग्नल को प्राप्त करने का है। धर्मेंद्र ने जिले के बृजराज सिंह इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई की। मथुरा के हिंदुस्तान कॉलेज से बीटेक और जालंधर के कॉलेज से एमटेक किया। 2011 से वह इसरो में बतौर वैज्ञानिक सेवाएं दे रहे हैं।

कमलेश शर्मा

गाजीपुर के रेवतीपुर के रहने वाले कमलेश शर्मा भी चंद्रयान 3 मिशन की टेक्निकल टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने जिले से ही विज्ञान संकाय से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक और बाद में गणित विषय से परास्नातक की डिग्री हासिल की। नेट और गेट की परीक्षा सफलता से पास होने के बाद वह 2010 में इसरो के सात मैथमेटिक्स एक्सपर्ट के तौर पर जुड़े।


सुमित कुमार

फतेहपुर जिले के रहने वाले सुमित कुमार चंद्रयान 3 में लगे कैमरे को वैज्ञानिक हैं। 2008 से इसरो अहमदाबाद केंद्र में कार्यरत सुमित ने टीम के साथ मिलकर अत्याधुनिक कैमरा डिजाइन किया, जिसे चंद्रयान के लैंडर और रोवर में लगाया गया है।

आशीष मिश्रा

उन्नाव के रहने वाले आशीष मिश्रा चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग से लेकर लैंडर प्रोपल्शन सिस्टम के वैज्ञानिक हैं। आशीष की पीएसएलवी, जीएसएलवी और एलवीएम 3 में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

चंद्रयान-2 की टीम का हिस्सा रहे फतेहपुर के सुमित कल्पना चावला को मानते हैं आदर्श, इसरो मे हैं तैनात


आलोक पांडेय

मिर्जापुर के आलोक पांडेय की चंद्रयान 3 की लैंडिंग में विशेष भूमिका में हैं। चंद्रयान की लैंडिंग और कंट्रोलिंग की जिम्मेदारी आलोक के पास होगी। उन्हें चंद्रयान की चांद पर लैंडिंग और कम्यूनिकेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

जालौन के दो वैज्ञानिक

जालौन जिले से भी दो वैज्ञानिक चंद्रयान 3 मिशन की टीम का हिस्सा हैं, दोनों का नाम अतुल निगोतिया और अंकुर त्रिगुनायत है। अतुल निगोतिया ने 1995 में झांसी रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से हाईस्कूल पास किया है। साथ ही अंकुर त्रिगुनायक ने वर्ष 1996 में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज उरई से हाईस्कूल पास किया।


मुरादाबाद के तीन वैज्ञानिक

यूपी के मुरादाबाद के भी तीन वैज्ञानिक चंद्रयान 3 मिशन की टीम में शामिल हैं। वैज्ञानिक मेघ भटनागर, अनीश रमन सक्सेना और रजत प्रताप सिंह टीम का हिस्सा हैं। मेघ भटनागर को चंद्रयान 3 का ब्रेन माना जा रहा है। वह ऑनबोर्ड सॉफ्टवेयर के क्वालिटी कंट्रोलिंग का जिम्मा संभाल रहे हैं।  मेघ भटनागर ने केंद्रीय विद्यालय मुरादाबाद से 12वीं की परीक्षा पास की है।  

वहीं रजत प्रताप सिंह चंद्रयान को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने वाले रॉकेट की कंट्रोलिंग करके इस मिशन का हिस्सा बने हैं। साथ ही अनीश रमन सक्सेना ने चंद्रयान टू के ऑर्बिटर के प्रोब्स तैयार किए थे। 




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