सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : SOCIAL MEDIA
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की तारीख का एलान कर दिया है। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले एजेंसी ने 12 से 19 जुलाई के बीच तिथि तय की थी। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। इससे पहले इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में ये भारत की एक और बड़ी कामयाबी होगी।
जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान-2 के बाद इस मिशन को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए भेजा जा रहा है। चंद्रयान-2 मिशन आखिरी चरण में विफल हो गया था। उसका लैंडर पृथ्वी की सतह से झटके के साथ टकराया था, जिसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था। चंद्रयान-3 को उसी अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए भेजा जा रहा है।
यह भी पढ़ें- Chandrayaan-3: अपने प्रक्षेपण यान LVM3 से जुड़ा चंद्रयान-3, इसके क्या मायने, मिशन से कैसे बढ़ेगी भारत की ताकत?
इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। यह चंद्रयान-2 की तरह ही दिखेगा, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं। एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है। जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह पर उतरने में असफल हुआ, उन पर फोकस किया गया है।
इससे पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को बताया था कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में चंद्रयान-3 युक्त एनकैप्सुलेटेड असेंबली को एलवीएम3 के साथ जोड़ा गया। यह मिशन भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगा।