Covid-19 Update: दिसंबर के बाद पहली बार अस्पतालों में बढ़ी संक्रमितों की संख्या, क्या फिर आ गया कोई नया वैरिएंट?

Covid-19 Update: दिसंबर के बाद पहली बार अस्पतालों में बढ़ी संक्रमितों की संख्या, क्या फिर आ गया कोई नया वैरिएंट?


वैश्विक स्तर पर पिछले तीन साल से अधिक समय से कोरोना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम रहा है। दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ महीनों से संक्रमण की स्थिति काफी नियंत्रित दिख रही है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इसे हल्के में लेने की गलती नहीं की जानी चाहिए। कई अध्ययनों में पाया गया है कि कोरोनावायरस में अब भी लगातार म्यूटेशन जारी है जिससे नए वैरिएंट्स का जोखिम अधिक हो सकता है। इस बीच यूनाइटेड स्टेट्स से प्राप्त हो रही खबरों ने फिर से चिंता बढ़ा दी है।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले दिनों कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में 10% की वृद्धि हुई है, जो दिसंबर के बाद से सबसे अधिक है।

सीडीसी के मुताबिक 16 जुलाई से शुरू हुए सप्ताह में, देशभर के अस्पतालों में 7,109 रोगियों को भर्ती कराया गया था। यह पिछले सप्ताह के आंकड़ों से 6,444 से अधिक है। चिंताजनक बात यह भी है कि इसमें से कई लोगों को आपातकालीन चिकित्सा की भी आवश्यकता महसूस हो रही है।

अस्पतालों में बढ़ रही है भीड़

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि जुलाई महीने की 21 तारीख तक इमरजेंसी में भर्ती कराने वाले मरीजों की दर औसतन 0.73% थी, जो 21 जून तक 0.49% से अधिक है। देश में ठंड के मौसम के बाद पहली बार इस तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ी है।

सीडीसी के प्रवक्ता कैथलीन कॉनली ने एक बयान में कहा, “सात महीने की लगातार गिरावट के बाद अमेरिका में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं, पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी बढ़ी है। हमें अलर्ट होकर जांच और बचाव के उपाय करते रहने की आवश्यकता है।

क्या कहती हैं विशेषज्ञ?

डॉ कॉनल कहती हैं, कई देश अब भी वायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए सीडीसी द्वारा सुझाए गए तरीकों का पालन नहीं कर रहे हैं। भले ही कोविड-19 की रफ्तार कम हो फिर भी जिस तरह से अध्ययनों में नए वैरिएंट्स का खतरा देखा गया है, इसको लेकर सभी लोगों को हमेशा सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।

पिछली लहरों के विपरीत, अभी देशभर में संक्रमण के लिए किसी नए वैरिएंट की पहचान नहीं की गई है। ओमिक्रॉन के एक्सबीबी वैरिएंट और इसके स्ट्रेन ही कोविड-19 के मामलों के बढ़ने का कारण माने जा रहे हैं।

किन वैरिएंट्स के कारण बढ़ा जोखिम

सीडीसी रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल यूनाइटेड स्टेट्स में कोरोना संक्रमण के लिए XBB.1.16, XBB.1.9.1, XBB.2.3, XBB.1.6 स्ट्रेनों को ही प्रमुख कारण पाया गया है, जो देशभर में 10 से 15% के संक्रमण का कारण हैं। विशेषज्ञों ने पहले EG.5 को दुनियाभर में तेजी से बढ़ते संक्रमण में से एक बताया था।

EG.5, XBB.1.9.2 वैरिएंट का ही एक प्रकार है, जिसमें अब भी म्यूटेशन को लेकर आशंका जताई जा रही है।

यूरोपीय देशों में EU.1.1 वैरिएंट

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना संक्रमण को लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है, जिन देशों में अभी संक्रमण की रफ्तार नियंत्रित है, वह भी सीख लेते हुए इससे बचाव के उपाय जरूर करें।

गौरतलब है कि इससे पहले पिछले ही महीने सीडीसी ने अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी राज्यों में कोरोना के एक नए सब-वैरिएंट EU.1.1 के सामने आने की सूचना दी थी।  स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि फिलहाल इस वैरिएंट के बारे में जानने के लिए लगातार शोध किए जा रहे हैं। इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी कोविड-19 के मामलों का लगभग 1.7% इसी वैरिएंट के कारण पाया गया था।

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स्रोत और संदर्भ:

Trends in United States COVID-19 Hospitalizations, Deaths, Emergency Department (ED) Visits, and Test Positivity by Geographic Area

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