वैश्विक स्तर पर भले ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी नियंत्रित है, पर अभी भी इसका जोखिम कम नहीं हुआ है। हाल ही में
यूके में कोरोना के एक नए वैरिएंट EG.5.1 की पुष्टि की गई है जिसे वैज्ञानिकों ने ‘एरिस’ नाम दिया है। ओमिक्रॉन परिवार के ही माने जाने वाले इस नए वैरिएंट के बारे में समझने के लिए अब भी अध्ययन जारी है, फिलहाल इसे अधिक संक्रामकता वाले वैरिएंट्स में से एक माना जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में भी इस वैरिएंट का मामला रिपोर्ट किया जा चुका है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अलर्ट किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में इस वैरिएंट्स की पुष्टि मई में ही हो चुकी थी, इसके बाद अब तक दो महीने का समय बीत चुका है और इस दौरान मामलों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है, ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल इसको लेकर लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। हां, कोरोना से बचाव के उपायों का पालन करते रहना जरूरी है, क्योंकि वैरिएंट्स में म्यूटेशन का जोखिम लगातार बना हुआ है।