टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी। सांकेतिक तस्वीर
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तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, सांसद महुआ मोइत्रा और कई अन्य पार्टी नेताओं को मंगलवार रात उस समय हिरासत में लिया गया, जब वे मंत्री से मुलाकात की मांग को लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय कार्यालय के पास कृषि भवन में धरने पर बैठ गए। हालांकि, कुछ घंटों बाद अभिषेक, मोइत्रा समेत हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को छोड़ दिया गया।
रिहा किए जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। यह घटना ‘नये भारत’ का चेहरा पेश कर रही है। दिल्ली पुलिस द्वारा जन प्रतिनिधियों को घसीटा गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार से सवाल करने वाले पत्रकारों पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया।
बता दें, मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल को तत्काल फंड जारी करने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया। अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को राज्य के मंत्रियों, पार्टी नेताओं और मनरेगा श्रमिकों के साथ जंतर मंतर पर धरना दिया। बाद में उन्होंने कृषि भवन में ग्रामीण विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला, जहां उनकी राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मुलाकात होनी थी।
हालांकि, कृषि भवन जाने के करीब डेढ़ घंटे बाद टीएमसी नेताओं ने दावा किया कि राज्य मंत्री ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से अधिक प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री को लिखे गए पत्रों के बंडल लेकर पहुंचे तृणमूल नेता कृषि मंत्री से मिलने पर अड़ गए और रात करीब नौ बजे तक वहां बैठे रहे। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उन्हें हिरासत में लेकर मंत्रालय परिसर खाली करवाया।
केंद्र की योजनाओं के धन के भुगतान को लेकर खिलाफ तृणमूल का प्रदर्शन
इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार किया है और ममता बनर्जी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को केंद्र से राज्य को मिल रहे धन में कथित हेराफेरी की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने सत्तारूढ़ टीएमसी पर एक बड़े घोटाले के पीछे होने का आरोप लगाया। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हजारों ग्राम प्रधान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम के संबंध में राज्य में हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की ओर इशारा करते हुए ‘बुआ-भतीजे’ पर निशाना साध और कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है। यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस के नेता दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि मनरेगा सहित केंद्र सरकार से जुड़ी कुछ योजनाओं के तहत राज्य को मिलने वाला पैसा रोका जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में तेजी से अपना आधार खो रही टीएमसी
तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मनरेगा सहित केंद्र सरकार की कुछ योजनाओं के तहत राज्य को पैसा जारी करने से रोकने के लिए केंद्र के खिलाफ यहां प्रदर्शन किया। सुवेंदु कहा कि तृणमूल कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी लेकिन अब वह एक क्षेत्रीय पार्टी है जो पश्चिम बंगाल में तेजी से अपना आधार खो रही है। उन्होंने कहा कि हर मुद्दे पर राजनीति करना और केंद्र में सत्ता का सपना देखना तृणमूल कांग्रेस की आदत बन गई है और यही कारण है कि वह ‘घमंडिया’ पार्टियों के धड़े में शामिल हो गई है।
उन्होंने दावा किया कि ये लोग यहां एक पांच सितारा होटल में रह रहे हैं और नाटक कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत एक करोड़ से अधिक जॉब कार्ड विभिन्न कारणों से हटा दिए गए और दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी के भ्रष्ट पदाधिकारियों और सरकारी अधिकारियों ने हजारों करोड़ रुपये हड़प लिए। अधिकारी ने कहा, जिस तरह से कल उन्होंने (टीएमसी) ने राजघाट समिति या दिल्ली पुलिस से अनुमति लिए बिना गांधी जयंती पर राजघाट पर व्यवहार करने की कोशिश की..दो-तीन घंटे तक उन लोगों को परेशान किया जो गांधी को श्रंद्धांजलि देने के लिए देशभर से आ रहे थे..यह गुंडों की पार्टी है। यह आई.एन.डी.आई.ए का हिस्सा है और इसके तीन एजेंडे हैं-वंशवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण। वे विकास के काम नहीं कर सके। भाजपा नेता ने कहा, लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में अपने खिसकते जन समर्थन को फिर से हासिल करने के लिए यह एक राजनीतिक अभियान है। यह पार्टी का एक झूठा, मनढंत राजनीतिक अभियान है।