बाएं से देवेश और उसकी बड़ी बहन शोभिता।
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सत्यप्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता अपने घर पहुंची और घर की हालत देखकर फफककर रो पड़ी। सीएम को याद करके बोली- योगी जी, मेरे परिवार को खत्म करने वालों का एनकाउंटर किया जाए, उन्हें जमीन में मिला दीजिए..उनका भी सर्वनाश होना चाहिए। शोभिता ने बताया कि 2014 में प्रमाणपत्र बनवाने के लिए चाचा आए थे।
उस समय प्रेम के घर में ही ग्राम प्रधानी थी। धोखे से जमीन लिखवा ली गई थी। शोभिता बताती है कि 2018 में भी उसके परिवार पर हमला करने की तैयारी थी। चार अक्तूबर को एक मुकदमे में पेशी होनी थी। इस बीच यह वारदात पूरी तरह सोची-समझी चाल है। ऐसे में घटना में शामिल लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
माता-पिता खो चुके बेटे को मिली सुरक्षा, घंट बांधते रो पड़ा देवेश
फतेहपुर के लेहड़ा टोला के सत्यप्रकाश दूबे का कुनबा ही समाप्त हो गया। घर में नहीं होने की वजह से बड़ा बेटा देवेश भीड़ के आक्रोश से बच गया। वहीं, छोटे अनमोल को हमलावर मृत समझ छोड़ गए, जो गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत से जंग लड़ रहा है। फिलहाल पुलिस ने देवेश को सुरक्षा प्रदान की है।
मंगलवार को शहर के देवरिया रामनाथ मोहल्ले में कर्मकांड के दौरान पीपल के पेड़ पर घंट बांधने के लिए देवेश पहुंचे थे। वह काफी समय तक गुमसुम बैठे रहे। परिवार पर बीते कहर के बारे में सोच कर वह रह-रह कर कांप जाते थे। फिर आंसू पोंछकर खुद को ढांढस बंधाते। कर्मकांड के दौरान सिर मुड़वाने के बाद घंट बांधने की बारी आई तो देवेश फफक पड़ा।