कवि दुष्यंत कुमार
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हिंदी गजल को नए आयाम पर ले जाने वाले कवि दुष्यंत कुमार का मुरादाबाद से गहरा नाता रहा है। तू किसी रेल सी गुजरती है, मैं किसी पुल सा थरथराता हूं जैसी पंक्तियां कहने वाले इस महान कवि की यादें मुरादाबाद के चौमुखा पुल इलाके में आज भी जीवंत हैं। दुष्यंत ने यहां रेती मोहल्ले में अपने मामा के यहां रहकर हिंदू कॉलेज से बीएड (उस समय बीटी) किया था।