गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ
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विजयदशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में संतों की अदालत लगेगी और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ बतौर नाथ पंथ के मुखिया के रूप में दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे। नाथपंथ की परंपरा के अनुसार हर वर्ष विजयदशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर की ओर से संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है।
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष भी हैं। इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है। इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतों के आपसी विवाद सुलझाते हैं। विवादों के निस्तारण से पहले संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं। पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता। पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन के लिए भी जाना जाता है।
विजयदशमी के दिन मंगलवार सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा निकाली जाएगी। पीठाधीश्वर गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन में सवार होंगे। तुरही, नगाड़े व बैंड-बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा करेंगे।
इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। वहां प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इसके साथ ही प्रभु माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। यही नहीं विजयदशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे।