Earthquake
– फोटो : Amar Ujala
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अफगानिस्तान के पश्चिमी इलाकों में शनिवार को महज आधे घंटे में भूकंप के तीन जोरदार झटके आए। इस दौरान करीब 120 लोगों की मौत हो गई और कम सम कम 1000 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हेरात प्रांत के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक मोहम्मद तालेब शाहिद ने बताया फिलहाल मृतकों और घायलों के आंकड़े अस्पताल लाए गए लोगों के आधार पर जारी किए गए हैं। लोगों को जब मलबे से निकाला जाएगा, तब वास्तविक संख्या का पता चलेगा।
अफगानिस्तान के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, शनिवार दोपहर सबसे पहले 12:11 बजे रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद 12:19 बजे 5.6 तीव्रता का झटका आया और 12.42 पर तीसरा भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 दर्ज हुई। वहीं, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक भूकंप का केंद्र हेरात से 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। 11 बजे से 1 बजे के बीच 4.6 से 6.3 तीव्रता के कुल पांच झटके आए।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।