सांकेतिक तस्वीर।
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उत्तरी इंग्लैंड के एक अस्पताल में सात नवजातों की हत्या करने वाली नर्स के खिलाफ मुकदमे में भारतीय मूल के व्यक्ति ने अहम भूमिका निभाई। भारतीय मूल के व्यक्ति पेशे से एक बाल रोग विशेषज्ञ हैं, जिनका जन्म ब्रिटेन में ही हुआ है। उन्होंने अदालत में नर्स को दोषी ठहराने में मदद की।
कुल 13 हत्याओं की आरोपी
इंग्लैंड के चेस्टर शहर में स्थित काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल के डॉ. रवि जयराम ने बताया कि अगर समय रहते पूर्व नर्स लुसी लेटबी के बारे में गौर कर लिया होता, तो पुलिस सतर्क हो सकती थी। समय रहते घायलों का इलाज शुरू हो जाता, जिससे कई लोगों की जान बच सकती थी। मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट की जूरी ने सात नवजात शिशुओं की हत्या के लिए लूसी को आरोपी माना है। सोमवार को इसी कोर्ट में सजा दी जायेगी। जूरी ने पूर्व नर्स को कुल 13 बच्चों की हत्या का दोषी माना है। चूंकि, छह बच्चों पर नर्स ने जानलेवा हमला किया था।
एक साल में 7 नवजातों की ली जान
कोर्ट के आदेश के बाद डॉ जयराम ने एक साक्षात्कार दिया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि चार-पांच ऐसे हैं, जो अब स्कूल जाने की स्थिति में आ गये हैं लेकिन नहीं जा पाते। उन्होंने कहा कि 2015 से 2016 के बीच में उसने हत्याएं की। जब तीन हत्यायें हो गई तब जाकर पहली बार चिंता व्यक्त की गई। विशेषज्ञों से इस संबंध में कई बार बैठक की गई। 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ट्रस्ट ने डॉक्टरों को पुलिस से मिलने की अनुमति दी। पुलिस को हमने अपनी परेशानी बताई। 10 मिनट बाद ही पुलिस को मामला समझ आ गया था। इसके बाद जांच शुरू की गई, जिससे लेटबी की गिरफ्तारी हो सके।
2018 में पहली बार हुई थी गिरफ्तार
अमेरिका मीडिया के अनुसार, आरोपी नर्स के खिलाफ अक्टूबर 2022 में मुकदमा शुरू हुआ था। कोर्ट में बताया गया कि नर्स नवजातों की हत्या कर रही थी और अपने साथियों से इसे प्राकृतिक मौत बता रही थी। उसने कई बार नवजातों पर हमला किया। परिवार को भरोसे में लेकर उसने हमले किए। 2018 में पुलिस ने पहली बार लेटबी को गिरफ्तार किया गया था। सीपीएस मर्सी-चेशायर के मुख्य क्राउन अभियोजक जोनाथन स्टोरर ने कहा कि यह भयावह मामला है। लेटबी की क्रूरता देख मैं भी स्तब्ध हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति उन्होंने संवेदनाएं व्यक्त कीं।