मणिपुर में हिंसा भड़काने की तैयारी।
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देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में इस वक्त घटनाओं से कई राज्यों को दहलाने की सबसे बड़ी साजिश रची जा रही है। आतंकी संगठन उल्फा ने जहां भारत म्यांमार की सीमा के पास बांग्लादेश से मिली एक मिसाइल “स्मॉल बेबी मिसाइल” स्थापित किए जाने की पूरी तैयारी कर ली है। इस मिसाइल की जद में भारतीय सुरक्षा बलों के शिविर को रखा गया है। यही नहीं बीते कुछ दिनों से अशांत मणिपुर के कुछ इलाकों में इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर के साथ कई किलो जिलेटिन स्टिक और सिक्योरिटी फ्यूज भी इकट्ठे कर लिए हैं। इनका इस्तेमाल कर यह उपद्रवी समूचे मणिपुर में बिजली व्यवस्था को बंद करना चाह रहे हैं और दूरसंचार सुविधाओं को ध्वस्त करने की योजना बना रहे हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसी को मिले इनपुट के आधार पर नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड ने उग्रवादियों की भर्ती का अभियान शुरू कर दिया है। पिछले हफ्ते इनमें से कुछ की पासिंग आउट परेड भी हो चुकी है।
टुकड़ों में लाई जा रही मिसाइल को म्यांमार के खम्मोल में किया जा रहा इकट्ठा
मणिपुर में दो समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद नॉर्थ ईस्ट के अलग-अलग राज्यों में उग्रवादी संगठन अब माहौल खराब करने की तैयारी में लग गए हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे विवाद के दौरान उल्फा ने भी अपने खतरनाक मंसूबों को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक उल्फा चीफ परेश बरुआ ने बांग्लादेश से एक स्मॉल बेबी नाम की मिसाइल ले ली है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 10 किलोमीटर की बताई जा रही है। खुफिया सूत्रों की जानकारी के मुताबिक इस मिसाइल को म्यांमार के नामसा के रास्तों से छोटे-छोटे टुकड़ों में लाया गया है। उसके बाद इस मिसाइल को म्यांमार के कोनसा के दक्षिणी पश्चिमी इलाके में स्थित खम्मोल शहर में असेंबल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस मिसाइल को म्यांमार के लगते भारतीय सीमा वाले बॉर्डर इलाकों में सुरक्षा बलों के शिविरों को निशाने पर रखने की साजिश रची जा रही है।
मोमकोनो कैंप में आयोजित मिसाइल चलाने का हुआ कैंप
खुफिया सूत्रों को मिली जानकारी के मुताबिक उल्फा और एनएससीएन ने उत्तर पूर्वी राज्यों को दहलाने के लिए म्यांमार के नामसा से लेकर खाम्मोल इलाके तक में उग्रवादियों की पूरी टुकड़ी को इकट्ठा किया है। उल्फा के प्रदीप गोगोई और उल्फा चीफ परेश बरुआ ने मिसाइल स्थापित करने का बाकायदा मॉमकोनो कैंप में एक प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किया था। इस शिविर में न सिर्फ मिसाइल को चलाने बल्कि बम समेत अन्य विस्फोटक सामग्रियों के माध्यम से हमले किए जाने की पूरी रणनीति का खाका भी तैयार किया। खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक मणिपुर मामले के बाद उल्फा से लेकर नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन) समेत नॉर्थ ईस्ट के कई आतंकी संगठन एकजुट होकर भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में माहौल खराब करने की लगातार साजिश से करते आए हैं।
तीन लेडी कैडर और पुरुषो को किया एनएससीएन के परेड में शामिल
खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक म्यांमार बॉर्डर के माध्यम से नॉर्थ ईस्ट के अलग-अलग राज्यों में उल्फा और एनएससीएन जैसे उग्रवादी संगठनों द्वारा कैडरों की भर्ती का अभियान चलाया जा रहा है। बीते 21 अगस्त को एनएसएन की दीमापुर के खेहोई कैंप में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया था। पासिंग आउट परेड में महिला कैटरिंग समेत 15 एक्स कैडर शामिल थे। इसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
मणिपुर के तांगखुल में इकट्ठा किया गया डेटोनेटर और जिलेटिन
जानकारी के मुताबिक 23 अगस्त को मणिपुर के उग्रवादियों ने उखरुल जिले के तांगखुल इलाके में 10 किलो से ज्यादा जिलेटिन की स्टिक को इकट्ठा किया है। इसके अलावा इसी इलाके में इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर के साथ-साथ सुरक्षा फ्यूज को भी भारी मात्रा में इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक मणिपुर के इलाके में इकट्ठा किए जाने वाले इन विस्फोटक पदार्थ के माध्यम से बड़ी घटना को अंजाम दिए जाने की तैयारी चल रही है। हालांकि इस खुफिया इनपुट को स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसी और समेत गृह मंत्रालय से भी साझा किया जा चुका है।