Exclusive: सूरज की हर दिन 1440 फोटो भेजेगा आदित्य एल-1, लाखों फोटो और डाटा से ऐसे खंगाले जाएंगे सारे राज

Exclusive: सूरज की हर दिन 1440 फोटो भेजेगा आदित्य एल-1, लाखों फोटो और डाटा से ऐसे खंगाले जाएंगे सारे राज



आदित्य-एल1 मिशन
– फोटो : ISRO

विस्तार


जैसे-जैसे मिशन आदित्य अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता जाएगा उसी के साथ वह वैज्ञानिकों को तस्वीर और डाटा भेजना शुरू कर देगा। एक अनुमान के मुताबिक मिशन आदित्य में इस्तेमाल किए गए पहले पेलोड कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) से प्रत्येक मिनट एक तस्वीर इसरो की सेंट्रल साइंटिफिक रिसर्च लैब तक पहुंचेगी। सूरज की सतह से लेकर कोरोना पर पैदा होने वाली ऊर्जा के राज को 24 घंटे के भीतर रोजाना 1440 भेजी जाने वाली तस्वीरों के माध्यम से वैज्ञानिक आगे का काम शुरू करेंगे। फिलहाल वैज्ञानिकों का कहना है कि पहले 103 दिनों तक तो मिशन आदित्य एल-1 क्रूज मोड में ही रहेगा। सूरज पर शोध के लिए भेजे जाने वाले मिशन आदित्य के कोरोनाग्राफ पेलोड को तैयार करने वाले प्रमुख वैज्ञानिकों में शामिल आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज के निदेशक दीपांकर बनर्जी ने अमर उजाला डॉट कॉम से मिशन आदित्य के बारे में ऐसी ही कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। उन्होंने बताया कि सूरज पर शोध करने के लिहाज से यह मिशन दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

हर मिनट एक फोटो भेजेगा कोरोनाग्राफ, यह जानकारियां भी देगा

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एस्ट्रोफिजिक्स के वरिष्ठ वैज्ञानिक और वर्तमान में आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज के डायरेक्टर दीपांकर बनर्जी कहते हैं कि सूरज के तमाम अनसुलझे रहस्य और उसकी ऊर्जा को समझने के लिए मिशन आदित्य एल-1 में सात पेलोड लगाए गए हैं। वह कहते हैं कि पहले पेलोड कोरोनाग्राफ के माध्यम से सूरज के लैंग्रेजियन पॉइंट पर रहकर उसके पूरे क्षेत्र और वहां मौजूद तमाम तरह के पार्टिकल्स को स्टडी किया जाएगा।

वह कहते हैं कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कोरोनाग्राफ के माध्यम से प्रत्येक मिनट एक फोटोग्राफ स्पेस एजेंसी की लैब में भेजी जाएगी। यानी की 24 घंटे के भीतर 1440 तस्वीर रोजाना सूरज के लैंग्रेजियन पॉइंट से जारी होगी। वह कहते हैं कि आदित्य एल-1 के साथ पेलोड अलग-अलग दिशाओं में रुख करके अपना काम करेंगे। वरिष्ठ वैज्ञानिक दीपांकर बनर्जी कहते हैं कि इसमें चार पेलोड सूरज की सतह की ओर रुख करके जानकारियां जुटाएंगे। जबकि तीन पेलोड लैंग्रेजियन पॉइंट की ओर रुख करके सूरज की ऊर्जा और उसके चुंबकीय प्रभाव का अध्ययन करेंगे।








Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *