वंदे भारत ट्रेन।
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विस्तार
पूर्वोत्तर रेलवे की वंदे भारत एक्सप्रेस पटरी पर उतर चुकी है। वहीं उत्तर रेलवे की वंदे भारत एक्सप्रेस को लखनऊ से दिल्ली के बीच चलाने पर विचार हो रहा है। रेलवे बोर्ड के अफसर देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की जगह वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने पर मंथन कर रहे हैं। ऐसा होने पर यात्रियों को सस्ते, किफायती, आरामदायक सफर की सुविधा मिलेगी।
अक्टूबर 2019 में देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस पटरी पर उतरी थी। लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली के बीच इस ट्रेन का संचालन शुरू किया गया था। ट्रेन में यात्रियों को मिलने वाला सेवा-सत्कार व सुविधाएं पसंद आई, जिससे इनकी संख्या भी बढ़ी। तेजस एक्सप्रेस को आज भी यात्री आसानी से मिल रहे हैं। वहीं गत सात जुलाई को पूर्वोत्तर रेलवे की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस गोरखपुर से लखनऊ के बीच शुरू की गई। तेजस की तरह यह ट्रेन भी चेयरकार व सेमी हाईस्पीड है।
ट्रेन में यात्रियों की संख्या शुरूआत में कम थी, पर अब बढ़ने लगी है, जिससे ऑक्यूपेंसी 87 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वहीं उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को भी वंदे भारत एक्सप्रेस देने पर रेलवे बोर्ड में मंथन चल रहा था। इसी क्रम में आला रेलवे अफसर ट्रेन के रूट, टाइमिंग, सेक्शन आदि पर विचार कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड के एक आला अफसर ने बताया कि लखनऊ से नई दिल्ली रूट पर ट्रैफिक बेहतर है। ऐसे में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की वंदे भारत एक्सप्रेस को इस रूट पर उतारा जा सकता है।
चूंकि, लखनऊ से दिल्ली रूट पर लग्जरी ट्रेनों की खासी संख्या है। इसमें लखनऊ मेल, एसी एक्सप्रेस, शताब्दी, तेजस एक्सप्रेस के नाम शामिल हैं। इसलिए तेजस एक्सप्रेस की जगह वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जा सकती है। ऐसा होने पर यात्रियों को भी खासी राहत हो जाएगी। अभी तेजस एक्सप्रेस का संचालन आईआरसीटीसी द्वारा किया जा रहा है, जिसके एवज में उसे रेलवे को चार्जेज देने पड़ते हैं। लॉकडाउन के दौरान ट्रेन बंद होने के कारण ये चार्जेज चुकाए नहीं जा सके थे, जिससे 30 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया हो गया था, जिसे आईआरसीटीसी धीरे-धीरे चुका रहा है।
130 करोड़ से चारबाग में बन रहा मेंटेनेंस यार्ड
चारबाग रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए 130 करोड़ रुपये की लागत से मेंटेनेंस यार्ड बनाया जा रहा है। ऐसे में पूर्वोत्तर रेलवे की गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस व उत्तर रेलवे की लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत सहित अन्य ट्रेनों का मेंटेनेंस इस यार्ड में आसानी से हो सकेगा। इसे तैयार होने में सालभर का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है।
प्रयागराज तक होगा विस्तार
गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का विस्तार प्रयागराज तक करने पर भी मंथन हो रहा है। इससे पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे के स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को राहत हो जाएगी। इतना ही नहीं अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन जाने के बाद इस ट्रेन में यात्रियों का लोड और बढ़ेगा। ऐसा अफसरों का मानना है।
…इसलिए तेजस से बेहतर है वंदे भारत
दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल ने बताया कि तेजस एक्सप्रेस की जगह लखनऊ से दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस चलने से यात्रियों को खासी राहत हो जाएगी। वंदे भारत सुविधाओं के लिहाज से तेजस से कहीं आगे है। ऑटोमेटिक डोर, टॉयलेट, कैटरिंग, डिस्प्ले, लाइटिंग, चार्जिंग, स्पीड वगैरह बेहतर है। इतना ही नहीं 25 प्रतिशत किराया कम होने के बाद वंदे भारत का फेयर तेजस से कम हो जाएगा।
तेजस एक्सप्रेस खूबियां
-1969 रुपये चेयरकार व 2457 रुपये एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया।
-डायनेमिक फेयर लागू होता है, जिससे किराया महंगा हो जाता है।
-6.15 घंटे में लखनऊ से दिल्ली का ट्रेन करती है सफर।
-कानपुर सेंट्रल व गाजियाबाद, दो स्टॉपेज पर ही रुकती है ट्रेन।
-लेट होने पर यात्रियों को सौ व ढाई सौ रुपये का मिलता है रिफंड।
-ट्रेन रवानगी के पांच मिनट पहले तक टिकट मिलने की सुविधा।
– कोई कैटरिंग चार्ज यात्रियों से नहीं लिया जाता है।
-130 किमी प्रति घंटे से ऊपर रफ्तार तक दौड़ने की क्षमता।
क्या है वंदे भारत एक्सप्रेस में खास
-डायनेमिक फेयर लागू नहीं, जिससे किराया कम रहता है।
-1500 चेयरकार व दो हजार एग्जीक्यूटिव का किराया होने की उम्मीद। 25 प्रतिशत तक किराया कम होने पर यह चार्ज और भी हो जाएगा कम।
-सवा पांच से छह घंटे में लखनऊ से दिल्ली का सफर करेगी पूरा।
-ट्रेन के स्टॉपेज दो ही रखे जा सकते हैं।
-सिटिंग व कैटरिंग व्यवस्था तेजस से कहीं बेहतर है।
-मेट्रो की तर्ज पर हर आने वाले स्टेशन व स्पीड की दी जाती है जानकारी।
-257 रुपये चेयरकार, 279 रुपये एग्जीक्यूटिव क्लास में कैटरिंग का चार्ज।
-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में चल सकती है ट्रेन।
(नोटः यह तुलना लखनऊ से नई दिल्ली रूट की है। इसमें वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया व टाइमिंग अनुमानित है)
87 फीसदी पहुंची वंदे भारत एक्सप्रेस की ऑक्यूपेंसी
गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में ऑक्यूपेंसी (लोड फैक्टर) बढ़ने लगा है। यह 40% से बढ़कर 87% तक हो गई है। इससे रेलवे की आय भी बढ़ रही है। इतना ही नहीं अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर तैयार होने के बाद रूट पर यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस लखनऊ से गोरखपुर के बीच सप्ताह में छह दिन चलती है। रेलवे प्रशासन के आंकड़ों पर गौर करें तो लखनऊ से गोरखपुर की तरफ रवाना होने वाली 22550 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की चेयरकार की 478 सीटों और एग्जीक्यूटिव क्लास के 52 सीटों को मिलाकर कुल 530 सीटे हैं। नौ से 25 जुलाई के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का जो डाटा सामने आया है, उसके मुताबिक गोरखपुर लखनऊ वंदे भारत की चेयरकार में ऑक्यूपेंसी 88 फीसद, जबकि एग्जीक्यूटिव क्लास की 69 फीसदी यानी कुल ऑक्यूपेंसी 87 फीसद रही। वहीं लखनऊ गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयरकार की ऑक्यूपेंसी 60 और एग्जीक्यूटिव क्लास की ऑक्यूपेंसी 49 फीसदी रही। कुल ऑक्यूपेंसी 59 फीसदी है।