Onion
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सरकार ने आने वाले दिनों में कीमतें बढ़ने की आशंका में प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया है। यह पहली बार है कि प्याज पर निर्यात शुल्क लगाया गया है। घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों में स्थिरता लाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी अधिसूचना में में कहा कि निर्यात शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है जो 31 दिसंबर तक लागू रहेगा। हाल के दिनों में टमाटर के बाद प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। एक हफ्ते के अंदर खुदरा कीमतें करीब 60 फीसदी बढ़ी हैं। प्रमुख शहरों में प्याज की कीमत 25-30 रुपये से बढ़कर 40-45 रुपये प्रति किलो हो गई है। बड़ी खुदरा दुकानों में तो कीमत 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। उपभोक्ता मामलों के मूल्य पर निगरानी रखने वाले विभाग के अनुसार, एक महीने पहले खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत 27 रुपये किलो थी, जो अब 31 रुपये के करीब है।
त्योहारी सीजन को देखते हुए फैसला
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि विशेषकर आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया गया है, ताकि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाई जा सके। देखा गया है कि पिछले दिनों में प्याज के निर्यात में तेजी आई है।
बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति शुरू
सिंह ने कहा कि सरकार ने अपने बफर स्टॉक से चुनिंदा क्षेत्रों में प्याज की आपूर्ति भी शुरू कर दी है। अब तक सरकार ने दिल्ली, असम, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की थोक मंडियों में बफर स्टॉक से 2,000 टन प्याज की बिक्री की है। सरकार के पास तीन लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है। अक्तूबर में नई फसल के बाजार में आने से पहले कीमतों को काबू करने के मकसद से आमतौर पर अगस्त और सितंबर के बीच बफर प्याज की बिक्री की जाती है।
इस वित्त वर्ष 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात
इस वित्तवर्ष में 1 अप्रैल और 4 अगस्त के बीच 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है। मात्रा के हिसाब से भारत से प्याज आयात करने वाले प्रमुख देशों में पहले तीन स्थान पर बांग्लादेश, मलयेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं।