मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
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देश के प्रमुख औद्योगिक संगठन फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नोएडा को मुख्यमंत्री के लिए मनहूस शहर का तमगा अफसरशाही की देन है क्योंकि उन्होंने इस शहर को लूट का अड्डा बना रखा था। यहां कोई मुख्यमंत्री ना आए इसलिए नोएडा को मनहूस बताकर दूर रखा जाता था। इस मिथक को उन्होंने यह कहते हुए तोड़ दिया कि कुर्सी पर जिंदगी भर के लिए बैठने नहीं आया हूं। अगर नोएडा जाने मात्र से मुख्यमंत्री की कुर्सी कल जाती हो तो आज चली जाए लेकिन वह नोएडा जाकर रहेंगे। नतीजा सामने हैं हर रोज मरता हुआ शहर आज जीवंत हो उठा है।
प्रदेश में 38 साल बाद फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब भी किसी औद्योगिक संगठन के कार्यक्रम के रूप में फिक्की की ही बैठक में गए थे। पहली बार मुख्यमंत्री बनने के नाते वहां उद्यमियों से क्या कहना है इसे लेकर उन्होंने तत्कालीन मुख्य सचिव और आईडीसी से पूछा तो जवाब मिला कि केवल आश्वासन दे दीजिए जैसा पिछले मुख्यमंत्री करते आए हैं बस… इस पर योगी ने कहा कि वह यहां केवल आश्वासन देने नहीं आए हैं बल्कि जो कहेंगे वह करके दिखाएंगे।
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लगातार तालियों से गूंजते सभागार के बीच उन्होंने कहा कि बिजनौर और आगरा को लेकर भी तमाम तरह की धारणाएं फैलाई गई थीं। आगरा के सर्किट हाउस में भूत घूमते हैं यह कहकर रात में मुख्यमंत्री को टिकने नहीं दिया जाता था। योगी ने कहा कि उन्होंने जिद पकड़ ली कि वह आगरा के सर्किट हाउस में ही ठहरेंगे और भूतों के साथ संवाद करेंगे। वह वहां रात में रुके और और इस मिथक को भी तोड़ा।
योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले न केवल औद्योगिक जगत के लोगों बल्कि यहां के युवाओं के सामने भी पहचान का संकट खड़ा हो गया था। रोजगार के अवसर नहीं थे। नई इंडस्ट्री तो छोड़िए पुरानी इंडस्ट्री भी यहां से जाने की तैयारी कर रही थी। माफियाओं का कब्जा था। आज ना तो किसी उद्यमी के पास फिरौती के लिए किसी में फोन करने का दम है और न ही कोई किसी भी फैक्ट्री को बंद करने की धमकी दे सकता है। यही जीरो टॉलरेंस नीति है जिसके दम पर आज उत्तर प्रदेश तेजी से विकसित राज्य बनने की तरफ अपने कदम बढ़ा रहा है।