हमलावर कांस्टेबल चेतन और मृतक एएसआई टीकाराम मीणा(फाइल फोटो)
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महाराष्ट्र के पालघर में जयपुर-मुम्बई एक्सप्रेस ट्रेन में सोमवार सुबह आपसी कहासुनी में एक RPF कांस्टेबल ने अपने सीनियर एएसआई पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस घटना में एएसआई और तीन अन्य पैसनजर्स की मौत हो गई। आरोपी कांस्टेबल को मीरा रोड से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चारों शवों को शताब्दी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।
जानकारी के अनुसार मृतक सीनियर एएसआई टीकाराम मीणा मूल रूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर के श्यामपुरा गांव का रहने वाला था। उसकी पोस्टिंग आरपीएफ गुजरात में थी। फारिंग करने वाला आरोपी आरपीएफ गुजरात का ही कॉन्स्टेबल चेतन बताया जा रहा है। दोनों की एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनाती थी। आरोपी कांस्टेबल ने सर्विस हथियार से हमला किया था।
यात्रियों के अनुसार जयपुर-मुम्बई एक्सप्रेस ट्रेन के बी-5 कोच में यह फायरिंग हुई। घटना सुबह करीब पांच बजे के आसपास हुई है। फायरिंग में चार लोगों को गोली लगने से मौत हो गई। RPF कांस्टेबल चेतन को मानसिक तनाव में बताया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरपीएफ कांस्टेबल और उसके सीनियर एएसआई में किसी बात को लेकर तनातनी और कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद कांस्टेबल ने गुस्से में आग बबूला होकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। यात्रियों के मुताबिक वापी से बोरीवली मीरा रोड स्टेशन के बीच फायरिंग की घटना हुई।
यात्रियों के मुताबिक पालघर स्टेशन पार करने के बाद आरपीएफ कांस्टेबल ने चलती हुई जयपुर मुम्बई एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर गोलीबारी की। उसने आरपीएफ के एएसआई और तीन अन्य यात्रियों को गोली मार दी। इसके बाद वह दहिसर स्टेशन के पास ट्रेन के दरवाजे से बाहर कूद गया। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया। मुम्बई के मीरा रोड, बोरीवली के बीच जीआरपी मुम्बई पुलिस टीम ने कॉन्स्टेबल चेतन को गिरफ्तार किया। उसे बोरीवली पुलिस स्टेशन में रखा गया है। इस घटना से ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। पैसेंजर्स अपनी जान बचाने के लिए अन्य बोगियों में भागने लगे।
VRS के लिए अप्लाई करना चाहता था ASI
अमर उजाला सूत्रों ने बताया कि ASI ने अपने एक मित्र से पिछले दिनों कहा था कि वह अब इस नौकरी में बहुत थक चुके हैं। सोच रहे हैं VRS के लिए अप्लाई कर दें। कुछ सालों पहले सूरत RPF में पोस्टिंग के दौरान एक ट्रेन में कुछ बदमाशों ने टीकाराम को चाकू मार दिया था। तब उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था और जान बची थी।
सूत्र बताते हैं कि टीकाराम ईमानदार व्यक्ति थे। ट्रेन में एस्कॉर्ट में तैनात कांस्टेबल को वह सोने नहीं देते थे और ड्यूटी पर अलर्ट रहने को टोकते रहते थे। आशंका जताई जा रही है कि कांस्टेबल चेतन को भी उन्होंने नाइट ड्यूटी पर सोने से टोका होगा। जिससे वह झल्ला गया। व्यक्तिगत रंजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन अन्य यात्रियों को चेतन ने गोली क्यों मारी? यह भी बड़ा सवाल है। क्या उसे ट्रेन में पकड़े जाने का डर था?
मृतक RPF के ASI टीकाराम मीणा अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी किसी गमी के कार्रक्रम में गांव से बाहर गई हुई हैं। उन्हें घटना की जानकारी तक नहीं लगी। बेटा और बहू गोवा गए हुए हैं। उनका फोन अनरीचेबल बता रहा है, जबकि मां बहुत बुजुर्ग हैं, जिन्हें दिखाई और ठीक से सुनाई नहीं देता है। बेटी शादी के बाद से ससुराल में है।