पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से जहां नदियां उफान पर हैं तो वहीं बिजनौर जनपद में लगातार हो रही बारिश से खादर क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीण जहां नाव लेकर पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करते हैं तो घर का राशन बचाना दूभर हो रहा है। आगे तस्वीरों में देखें कैसे बाढ़ के बीच हो रही है जिंदगी की जद्दोजेहद
बिजनौर में मंगलवार सुबह से ही जनपद में तेज बारिश हुई। बारिश अच्छी होने से गर्मी व उमस से लोगों को राहत मिली। तेज बारिश से सड़कों पर जलभराव होने से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गंगा समेत सभी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया। गंगा नदी का जलस्तर 219.80 गेज मीटर बना हुआ है। जबकि 220 गेज मीटर पर गंगा के खतरे का निशान है।
पिछले दो दिन जनपद तेज धूप निकली और बारिश हल्की हुई। गर्मी और उमस ने लोगों को परेशान कर रखा था। मंगलवार सुबह मौसम ने करवट बदली। करीब साढ़े तीन बजे बूंदाबांदी शुरू हुई। कुछ देर बाद से ही तेज बारिश होने लगी।
दोपहर तक रुक-रुककर कई बार तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को 80 एमएम बारिश हुई। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र में बारिश होने से गंगा, मालन, खो आदि नदियों का फिर से जलस्तर बढ़ने लगा है।
गंगा फिर से खतरे के निशान को छूकर बहने लगी। इससे जलीलपुर खादर क्षेत्र के करीब दस गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों पानी में नाव चलाकर पशुओं के लिए चारा ला रहे हैं।
टूट रहा गांवों का संपर्क
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। रावली व जलीलपुर क्षेत्र के रास्तों पर पानी होने से कई गांवों संपर्क मार्ग टूटा हुआ है। नदियों के उफान पर रहने से बढ़ापुर कस्बे का गांवों से संपर्क कटा रहा।
पहाड़ों पर हुई तेज बारिश से नूरपुर में गांगन नदी ओवर फ्लो होने के कारण मंगलवार को पानी क्षेत्र के दर्जनों गांवों के खेतों में घुस गया। नहर का पानी नूरपुर-धामपुर मार्ग पर आने से यातायात प्रभावित हो रहा है।