Foxconn
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ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर बनाने के लिए टाटा समूह के साथ करार कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कंपनियों को नए भागीदार मिल गए हैं। टाटा समूह सेमीकंडक्टर में पहले ही रुचि दिखा चुका है। फॉक्सकॉन ने वेदांता पर भारी-भरकम कर्ज की वजह से सेमीकंडक्टर बनाने के संयुक्त उपक्रम से अलग होने का फैसला किया है। ताइवानी कंपनी ने मंगलवार को कहा, दोनों तरफ से यह माना गया था कि परियोजना तेजी से आगे नहीं बढ़ रही थी। अन्य चुनौतीपूर्ण कमियां भी थीं, जिन्हें हम दूर नहीं कर पाए। साथ ही, परियोजना से जुड़े बाहरी मुद्दे भी थे।
फॉक्सकॉन ने कहा, संयुक्त उपक्रम से अलग होने का कोई नकारात्मक असर नहीं होगा। हम सेमीकंडक्टर व डिस्प्ले फैब परिवेश के लिए संशोधित कार्यक्रम से जुड़ा एक आवेदन जमा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत व विदेश में हितधारकों के एक विविध समूह का स्वागत भी करते हैं। ऐसे समूह जो भारत को अगले स्तर पर देखना चाहते हैं।
मार्च में डाउनग्रेड हुई थी वेदांता की रेटिंग
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारी कर्ज की वजह से इस साल मार्च में वेदांता की रेटिंग डाउनग्रेड कर दी थी। साथ ही, चेतावनी दी थी कि कर्ज से जुड़े मुद्दे वेदांता के लिए पुनर्वित्त जोखिमों और भुगतान में चूक की आशंका को बढ़ा देते हैं। हालांकि, समूह ने अभी तक भुगतान में चूक नहीं किया है। वेदांता की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज कर्ज से जूझ रही है। इसे चालू वित्त वर्ष में 17,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना है।
हम भारत के लिए प्रतिबद्ध : फॉक्सकॉन
फॉक्सकॉन ने कहा, हम भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं। देश सफलतापूर्वक मजबूत सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित कर रहा है। इसमें समय लगेगा। इस योजना में हमारी अधिक दिलचस्पी है। बता दें, वेदांता-फॉक्सकॉन के बीच भारत में चिप निर्माण के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये का सौदा हुआ था। इससे हजारों रोजगार मिलने की उम्मीद थी। फॉक्सकॉन ने पहली बार 2006 में भारत में प्रवेश किया था।