G-20: जलवायु परिवर्तन और बहुपक्षीय विकास बैंक सुधारों पर सहमति से बढ़ेगा भारत का कद; विशेषज्ञों को उम्मीद

G-20: जलवायु परिवर्तन और बहुपक्षीय विकास बैंक सुधारों पर सहमति से बढ़ेगा भारत का कद; विशेषज्ञों को उम्मीद



जी 20 देश।
– फोटो : अमर उजाला

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जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां निर्णायक चरण के करीब पहुंचने के साथ इस पर चर्चा तेज हो गई हैं कि भारत की अध्यक्षता वाली बैठक कितनी सफल रहेगी। विशेषज्ञों की राय है कि सदस्य देश सम्मेलन के एजेंडे में शामिल बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) सुधारों पर सहमति की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। वहीं, जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल चरणबद्ध तरीके से बंद करने पर भी कड़ा रुख अपनाया जा सकता है। इन मुद्दों पर सहमति भारत का कद बढ़ाने वाली साबित होगी।

शिखर सम्मेलन से पहले व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि अमेरिका चाहता है कि जी-20 देश बहुपक्षीय विकास बैंकों को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और वर्ल्ड बैंक की तर्ज पर नया और व्यापक आकार देने में मदद करें। इस बीच, सामाजिक विकास परिषद से जुड़े आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ विश्वजीत धर का कहना है कि जी-20 के एजेंडे में एमबीडी सुधारों पर खास फोकस किया जा रहा है और इसमें मिली सफलता गरीबी से लड़ने और जलवायु को बचाने के लिए खरबों डॉलर की सहायता का रास्ता खोल सकती है। हालांकि, वह मानते हैं कि अभी इस पर किसी ठोस नतीजे पर पहुंचना चुनौतियों से भरा है। धर का मानना है भारतीय जी-20 की अध्यक्षता में यह एजेंडा विकसित करके तार्किक ढंग से इस दिशा में अगला कदम उठाया गया है।

इसी साल जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों ने बहुपक्षीय विकास बैंकों की आवश्यकता को पहचाना। इसमें भौगोलिक सीमाओं की जटिलता को देखते हुए ऋण संसाधन, ज्ञान नॉलेज सपोर्ट और ऋण मांग को देखते हुए निजी निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई।  








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