G-20: MRSAM, राफेल और काउंटर-ड्रोन सिस्टम से वायुसेना करेगी दिल्ली की सुरक्षा; जानें क्या-क्या की गई तैयारी

G-20: MRSAM, राफेल और काउंटर-ड्रोन सिस्टम से वायुसेना करेगी दिल्ली की सुरक्षा; जानें क्या-क्या की गई तैयारी


भारत अगले महीने में राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस सम्मेलन में जी20 देशों के नेता शामिल होंगे। अगले महीने की 9 और 10 तारीख को दिल्ली के प्रगति मैदान में होने वाले इस शिखर सम्मेलन के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इन दो दिनों तक दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया जाएगा।  इतना ही नहीं, भारतीय वायुसेना भी नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात करने के साथ-साथ अपने हवाई चेतावनी प्रणालियों, राफेल समेत लड़ाकू विमानों को हाई अलर्ट पर रखेगी। 

काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी देंगे सुरक्षा को मजबूती

रक्षा सूत्रों ने इस बाबत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि वायुसेना इस बैठक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए दिल्ली हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करेगी। भारतीय वायु सेना विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से किसी भी संभावित हवाई खतरे से बचाने के लिए वायु रक्षा मिसाइलों के साथ-साथ काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी राष्ट्रीय राजधानी में तैनात कर रही है। साथ ही देश के उत्तरी हिस्सों में किसी भी हलचल पर नजर रखने के लिए एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम तैनात किए जा रहे हैं। ये लगातार हवा में रहते हुए आसमान पर नजरें रखेंगे। साथ ही स्वदेशी निगरानी विमान ‘नेत्र’ भी क्षेत्र में नियमित निगरानी करेगा।

एमआरएसएएम मिसाइल की जा रही तैनात

एयर फोर्स ने दिल्ली हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जिन वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया है, उनमें मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) भी शामिल है। यह 70-80 किलोमीटर की दूरी से लक्ष्य को मार गिरा सकती है।  

इन हवाई अड्डों को रखा गया अलर्ट मोड में

रक्षा सूत्रों ने यह भी बताया कि किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पश्चिमी वायु कमान और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान की जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास के कई हवाई अड्डे अलर्ट मोड में तैयार रहेंगे। शिखर सम्मेलन के लिए जिन हवाई अड्डों को अलर्ट मोड में रखा गया है, उनमें दिल्ली के पास हिंडन हवाई अड्डा और अंबाला, सिरसा, भटिंडा और आदमपुर सहित कई अन्य हवाई अड्डे शामिल हैं।

आखिर जी20 सम्मेलन का कार्यक्रम क्या है?

9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में होने वाला सम्मेलन 18वां होगा। सम्मेलन में 19 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष और सरकार के प्रमुख भाग लेंगे। इसके अलावा यूरोपीय संघ भी इस सम्मेलन में शिरकत करेगा। साथ ही नौ देशों के प्रमुख, बतौर अतिथि देश, जी20 की बैठक में हिस्सा लेंगे। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) के अतिरिक्त G20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है।

यह देश हैं जी-20 का हिस्सा

जी-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इस समूह का भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) हिस्सा हैं। भारत ने एक दिसंबर 2022 को इंडोनेशिया से इस बार की जी20 की अध्यक्षता हासिल की थी। 



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