जी-20 सम्मेलन।
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जी20 शिखर सम्मेलन इस साल सितंबर में भारत में होनो जा रहा है, जिसकी तैयारियां खूब जोरों से चल रही हैं। वहीं सम्मेलन को लेकर भारत ने सभी जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेताओं को निमंत्रण भेजा है। लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे या नहीं।
दक्षिण अफ्रीका ने एक बयान जारी कहा कि अगले महीने जोहान्सबर्ग में होने जा रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पुतिन नहीं आ रहे हैं। इसके बाद दिल्ली में होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन में पुतिन के आने को लेकर सवाल गहरा गया है।
जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से पूछा गया कि क्या पुतिन जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस बिंदु पर, मैं बस वही दोहरा सकता हूं जो हमने पहले कहा है कि सभी जी20 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को निमंत्रण भेजा गया है। यह एक भौतिक शिखर सम्मेलन है और हम आशा करेंगे कि सभी आमंत्रित व्यक्ति शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने में सक्षम होंगे। आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसे इस तरह से देखना उचित होगा, लेकिन हां, हम सितंबर में हमारे जी20 नई दिल्ली नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए यहां नेताओं का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।
भारत जी20 का वर्तमान अध्यक्ष है। जी20 का समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरसरकारी मंच है। ये सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।
जल्द भारत आएगी अरिहा जर्मनी से किया है संपर्क
भारत ने गुरुवार को कहा कि वह एक भारतीय बच्ची अरिहा की वापसी के लिए जर्मनी से लगातार बातचीत कर रहा है, जो 20 महीने से अधिक समय से बर्लिन के पालन-पोषण केंद्र में रह रही है। 23 सितंबर, 2021 को सात महीने के बच्चे को आकस्मिक चोट लगने के बाद अरिहा शाह को जर्मनी के युवा कल्याण कार्यालय (जुगेंडमट) की हिरासत में रखा गया था। वह तब से पालक देखभाल में है।
भारत का मानना रहा है कि बच्चे के लिए उसके भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में रहना महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बच्ची को भारत वापस भेजना उसकी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान के लिए महत्वपूर्ण है। हमने बच्ची की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान की रक्षा करने और उसकी भारत वापसी सुनिश्चित करने की अपनी इच्छा स्पष्ट कर दी है। हम इस संबंध में जर्मन अधिकारियों के साथ जुड़े हुए हैं। अलग-अलग समानांतर न्यायिक कार्यवाही चल रही है और हम उस पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
सभी प्रमुख मुद्दों पर होगी जी20 सदस्यों के बीच चर्चा, यूक्रेन पर कही ये बात
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि जी20 देशों के बीच सभी प्रमुख पर बातचीत होगी लेकिन यूक्रेन संघर्ष पर मतभेद बरकरार हैं। बागची की टिप्पणी जी20 शेरपाओं द्वारा कर्नाटक के हम्पी में तीन दिवसीय बैठक में नेताओं की घोषणा के मसौदे पर व्यापक विचार-विमर्श करने के कुछ दिनों बाद आई है। उन्होंने कहा कि शेरपा बैठक बहुत रचनात्मक थी।
आगे बागची बोले कि मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा कि अंतिम घोषणा की रूपरेखा क्या हो सकती है क्योंकि यह अंतिम निर्णय नेताओं को लेना है। हम आशावाद के साथ रहते हैं और हम अपने सहयोगियों के साथ कड़ी मेहनत करेंगे कि नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में क्या निकल सकता है।