केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया
– फोटो : twitter
विस्तार
गुजरात में संपन्न हुई दो दिवसीय जी- 20 स्वास्थ्य मंत्री की बैठक में शनिवार को वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने के लिए परिणाम दस्तावेज को सर्वसम्मति से स्वीकृत गया। हालांकि यूक्रेन से संबंधित पैराग्राफ पर रुस और चीन ने असहमति जताई। दस्तावेज में वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने और सभी के पहुंच में लाने की प्रतिबद्धता जताई गई। वहीं, कार्यक्रम समापन के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत के लिए स्वास्थ्य सेवा का एक साधन है, न कि व्यापार का।
दो दिन तक चली बैठक
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जी-20 देश सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्ता तक समान पहुंच के साथ चल रही वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों और भविष्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए अधिक लचीला, न्यायसंगत, टिकाऊ और मजबूत बनाने की सहमति पर पहुंचे। साथ ही बताया कि प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं और चुनौतियों पर चर्चा करने और वैश्विक स्वास्थ्य वास्तुकला को मजबूत करने के लिए समूह की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों ने 18 और 19 अगस्त को गांधीनगर में मुलाकात की।
भारत के लिए स्वास्थ्य सेवा का एक साधन है
बैठक के समापन के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने पत्रकारों से बातचीत की, इस दौरान उन्होंने कहा कि सदस्य देशों ने इस तथ्य की सराहना की कि भारत के लिए स्वास्थ्य सेवा का एक साधन है, न कि व्यापार का। आगे बोले कि महामारी के दौरान, हमने लगभग 150 देशों को सस्ती दरों पर दवाओं की आपूर्ति की और कई देशों को कोरोना वायरस के खिलाफ टीके भी उपलब्ध कराए। हमने न तो अपनी दवाओं के दाम बढ़ाए और न ही उनका भंडारण किया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आज पूरी दुनिया इस बात पर दृढ़ता से विश्वास कर रही है कि मुश्किल समय में अगर कोई देश उसके साथ खड़ा रहेगा, तो वह भारत है। बैठक के दौरान, मंडाविया ने कहा कि उन्होंने अनुभव किया कि कैसे अन्य देश न केवल भारत से दवाएं खरीदने के इच्छुक हैं बल्कि हमारे देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करने के भी इच्छुक हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में कोई देश अकेले सफल नहीं हो सकता
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कोई देश तब तक सफल नहीं होगा जब तक वह अकेले काम करेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र एक वैश्विक क्षेत्र है। महामारी जैसे संकट से लड़ने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। हर कोई तभी सुरक्षित होगा जब सभी मिलकर काम करेंगे। केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने बताया कि ‘परिणाम दस्तावेज’ में वित्त और स्वास्थ्य धाराओं के बीच निरंतर और सहयोगात्मक प्रयासों, महामारी से आर्थिक कमजोरियों और जोखिमों को कम करने और बड़े पैमाने पर महामारी प्रतिक्रिया हस्तक्षेपों के लिए तत्परता में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
चिकित्सा उपायों को सस्ती, चुस्त, टिकाऊ, समावेशी बनाना होगा
दस्तावेज में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी से सबक लेते हुए, हमें स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में डिजिटल स्वास्थ्य और स्वास्थ्य डेटा आधुनिकीकरण के महत्व का एहसास होता है। जी20 राष्ट्र इस बात पर भी सहमत हुए कि चिकित्सा उपायों के लिए अनुकूलनीय, सस्ती, चुस्त, टिकाऊ, समावेशी, प्रभावी, कुशल, जवाबदेह और न्यायसंगत बनाने की आवश्यकता है।
दस्तावेज में यूक्रेन युद्ध के बारे में की गई बात
यूक्रेन में युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर और भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है। अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि यह संघर्ष भारी मानवीय पीड़ा का कारण बन रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा कमजोरियों को बढ़ा रहा है, जिससे विकास बाधित हो रहा है, मुद्रास्फीति बढ़ रही है, आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही है, दस्तावेज़ के अनुसार, ऊर्जा और खाद्य असुरक्षा, और वित्तीय स्थिरता जोखिम बढ़ रहा है।
टेड्रोस घेब्रेयेसस बोले- गुजरात पारंपरिक दवाओं का मक्का होगा
जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक टेड्रोस घेब्रेयेसस ने कहा कि मेरा मानना है कि यह पारंपरिक दवाओं पर एक बहुत ही अनोखी बैठक है। मेरा मानना है कि अब से कुछ वर्षों में गुजरात पारंपरिक दवाओं का मक्का होगा। यह अद्वितीय है और यह बहुत महत्वपूर्ण है।