18 वां ‘G20’ सम्मेलन, नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को आयोजित होगा। इसमें 19 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष और सरकार के प्रमुख भाग लेंगे। नौ देशों के प्रमुख, बतौर अतिथि देश, जी20 शिखर सम्मेलन की बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा यूरोपीय संघ भी इस सम्मेलन में शिरकत करेगा। कारकेड के दौरान 14 देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की हिफाजत की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के जांबाज कमांडो संभालेंगे। सीआरपीएफ द्वारा ग्रेटर नोएडा स्थित, वीआईपी सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर में लगभग 950 सूट बूट वाले ‘रक्षकों’ का विशेष दस्ता तैयार किया गया है। अब यह दस्ता रिहर्सल कर रहा है।
रक्षकों और ड्राइवरों की 48 टीमें रहेंगी
देश के विभिन्न हिस्सों से आए सीआरपीएफ के 50 ट्रेनरों ने विदेशी मेहमानों की अचूक सुरक्षा के लिए ‘रक्षकों का दस्ता तैयार किया है। रक्षकों और ड्राइवरों की लगभग 48 टीमें बनाई गई हैं। सौ से ज्यादा बुलेटप्रूफ वाहन तैयार किए गए हैं। सीआरपीएफ के दस्ते, विदेशी मेहमानों के कारकेड की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके अलावा सुरक्षा के सबसे निकटतम घेरे में भी सीआरपीएफ के जांबाज कमांडो रहेंगे। चूंकि अनेक देशों में लेफ्ट हैंड ड्राइविंग होती है, ऐसे में सीआरपीएफ ने करीब 120 ऐसे ड्राइवर ट्रेंड किए हैं, जो बिना किसी दिक्कत के लेफ्ट हैंड वाली गाड़ियां चला सकते हैं। इसके साथ ही लेफ्ट हैंड गाड़ियों में सवार होने वाले मेहमानों का सुरक्षा घेरा भी बदल जाता है। इसके लिए भी जवानों को खास ट्रेनिंग दी गई है। लेफ्ट हैंड ड्राइविंग कार में जिस तरफ से वीवीआईपी उतरेंगे, उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों की प्लेसमेंट भी उसी हिसाब से बदल जाती है।
पूर्व में एसपीजी और एनएसजी में तैनात रहे हैं जवान
सीआरपीएफ के वीआईपी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में जिन जवानों को प्रशिक्षण दिया गया है, वे सामान्य कर्मी नहीं हैं। इनमें वे सभी जवान शामिल हैं, जो पूर्व में वीआईपी सुरक्षा का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने एसपीजी और एनएसजी जैसी सुरक्षा यूनिटों के साथ काम किया है। ये सभी जवान, विदेशी राष्ट्रध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों के ‘कारकेड’ में चलेंगे। दूसरे स्थलों पर इन्हें सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर पर जवानों को ‘कारकेड’ से लेकर ‘होटल’ तक विदेशी मेहमानों की सुरक्षा का दायित्व सौंपा जाएगा। इन्हें उसी तरीके प्रशिक्षित किया जा रहा है। होटल या बैठक स्थल से निकलने के बाद वीआईपी को गाड़ी तक कैसे पहुंचाना है। उस वक्त सुरक्षा को लेकर जितने भी प्रोटोकॉल होते हैं, उनके बारे में बताया जा रहा है।
360 डिग्री डिफेंस प्रदान करेंगे कमांडो
गाड़ी में कैसे बैठना है, कोई घटना होती है तो उस वक्त सुरक्षा का कौन सा फार्मूला इस्तेमाल करना है, खतरे का आभास हो तो विदेशी मेहमान की सुरक्षा कैसे करनी है, आदि बातें सिखाई जा रही हैं। बीच रास्ते अगर गाड़ी में कोई तकनीकी खराबी आ जाए तो उस दौरान पहले, दूसरे व तीसरे नंबर वाले स्पेयर वाहन की स्थिति क्या रहेगी। कौन सी गाड़ी में विदेशी मेहमान को शिफ्ट किया जाएगा। मतलब, वीआईपी को किस तरह से 360 डिग्री डिफेंस प्रदान करनी है, ये सब ट्रेनिंग का हिस्सा है। विदेशी मेहमान जिस होटल में ठहरेंगे, वहां पर नाइट सिक्योरिटी के लिए अलग अलग सुरक्षा बलों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। किसी भी जगह की जिम्मेदारी, एक सुरक्षा बल के पास नहीं रहेगी। जैसे नाइट हॉल्ट के दौरान बॉर्डर गॉर्डिंग फोर्स के साथ दिल्ली पुलिस का दस्ता रहेगा।
प्रगति मैदान के बाहर तैनात रहेंगे 1300 जवान
सूत्रों के मुताबिक, प्रगति मैदान में दिल्ली पुलिस के साढ़े चार हजार जवान तैनात रहेंगे। खास बात ये है कि इनमें से कोई भी वर्दी में नहीं होगा। वे सभी जवान सूट बूट में होंगे और उनकी आंखों पर काला चश्मा रहेगा। इन जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने 1300 जवानों को प्रगति मैदान के बाहर तैनात करने की योजना बनाई है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा समेत अन्य शीर्ष अफसरों की बैठक में इन सभी तथ्यों पर चर्चा हो चुकी है।
दिल्ली पुलिस के ऐसे जवान, जिन्हें प्रगति मैदान के बाहर तैनात किया जाएगा, वे सभी वर्दी में रहेंगे। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस के 400 जवान, प्रगति मैदान और उसके आसपास रहेंगे।
सम्मेलन में भाग लेंगे ये राष्ट्र, अतिथि देश भी रहेंगे
जी20 देशों के समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इन सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। साथ ही इन देशों में विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है। अतिथि देशों में बांग्लादेश, ईजिप्ट, मॉरिशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है। नियमित अंतरराष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) की पीठों के अतिरिक्त जी20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।