जी 20 समिट 2023
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भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन 2023 का आगाज हो चुका है। G-20 का 18वां शिखर सम्मेलन इस साल 9 और 10 सितंबर को हो रहा है। नई दिल्ली स्थिति भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनियाभर से आए राष्ट्रप्रमुखों और प्रतिनिधियों का स्वागत कर रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यस्था में करीब 80 फीसदी से अधिक का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह जी20 के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करना भारत बड़ा गर्व का मौका है।
ग्लोबल इकोनॉमी में जी 20 की हिस्सेदारी 80 फीसदी
जी-20 को सबसे बड़ा वैश्विक संगठन माना जाता है। इसके सदस्य देशों में भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया तथा 20वें सदस्य के तौर पर यूरोपीय संघ शामिल है। जी-20 की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक वैश्विक व्यापार संगठन की हिस्सेदारी 80 फीसदी की है और यह करीब दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
शिखर सम्मेलन में स्थाई सदस्यों के अलावे 9 देश विशेष आमंत्रण पर पहुंचे
भारत ने इस वर्ष के जी20 शिखर सम्मेलन में भारत ने 9 अन्य देशों को भी आमंत्रित किया है इनमें बांग्लादेश, मिस्र, मॉरिशस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई शामिल हैं। इसके अलावे संयुक्त राष्ट्र, आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, वर्ल्ड ट्रेड ऑरगेनाइजेशन जैसे संगठन भी शिखर सम्मेलन में शामिल होते हैं।
जब जी20 जैसे प्रभावशाली समूह का शिखर सम्मेलन हो रहा हो ऐसे में यह जानना काफी अहम हो जाता है इस समूह में शामिल देशों की हैसियत क्या है? ग्लोबल इकोनॉमी में उनका रुतबा क्या है? आइए जानते हैं इस बार नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले समूह के प्रमुख स्थाई देशों में कौन कितने पानी में है?
1. भारत
सबसे पहले बात इस बार जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे भारत की। जी20 के अन्य स्थाई सदस्यों से तुलना करें तो वैश्विक जीडीपी में हिस्सेदारी के मामले में भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर है। ग्लोबल इकोनॉमी में हमारी हिस्सेदारी 3.54% है। वहीं वैश्विक जनसंख्या के मामले में हम पहले नंबर पर हैं। भारत इस बार के जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया की लगभग 18.29% आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहा है। हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह है की जीडीपी के आधार पर प्रति व्यक्ति आय (GDP per capita) की बात करें तो हम जी-20 के सदस्य देशों में सबसे निचले पायदान पर हैं, और इसका सबसे बड़ा कारण है हमारी विशाल आबादी। भारत की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय 9.07 हजार डॉलर है।
2. अमेरिका
जी20 शिखर सम्मेलन में इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल हो रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले देशों में सबसे मजबूत देश अमरिका ही है। ग्लोबल इकोनॉमी या वर्ल्ड जीडीपी में अमेरिका की हिस्सेदारी 25.44% है, जो बाकी सभी देशों से ज्यादा है। जीडीपी पर कैपिटा यानी प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी अमेरिका सभी देशों से अव्वल है। अमेरिका की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय करीब 80.03 हजार डॉलर है। अमेरिका दुनिया की 4.27% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। पहला जी20 सम्मेलन 2008 में अमेरिका के ही वाशिंगटन शहर में हुआ था जिसे ब्रेटन वुड्स II कहा जाता है।
3. रूस
रूस भी जी20 के स्थाई सदस्य देशों में शामिल है। भारत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के स्थान पर वहां के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शामिल हो रहे हैं। वर्ल्ड जीडीपी में रूस की हिस्सेदारी 1.95% है जबकि वहां की जीडीपी पर कैपिटा 34.84 हजार डॉलर है। रूस आबादी के मामले में दुनिया के 1.82% लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
4. चीन
इस बार के जीृ20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग के स्थान पर प्रधानमंत्री ली कियांग शामिल हुए हैं। भारत के बाद वैश्विक आबादी की हिस्सेदारी के मामले में चीन दूसरे नंबर पर हैं। ड्रैगन दुनिया के 17.98% लोगों का शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व कर रहा है। वैश्विक जीडीपी में भी चीन का बड़ा योगदान है और वह 18.35 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। इस मामले में तीसरे और चौथे नंबर पर जापान और जर्मनी हैं, जबकि भारत का स्थान पांचवां है। चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी 23.38 हजार डॉलर है।