G20 Summit: भारत मंडपम में एक साथ ‘हां’ हुई तो 55 देशों की बदलेगी किस्मत ! मोदी की यह है बड़ी कूटनीतिक रणनीति

G20 Summit: भारत मंडपम में एक साथ ‘हां’ हुई तो 55 देशों की बदलेगी किस्मत ! मोदी की यह है बड़ी कूटनीतिक रणनीति



G20 Summit
– फोटो : अमर उजाला

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जी-20 की अब तक 17 बैठकें दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में हो चुकी हैं। शनिवार से शुरू होने वाली नई दिल्ली की 18वीं बैठक अब तक की सबसे अलग बैठक साबित होने जा रही है। दरअसल, जी-20 की बैठक में अब अफ्रीकन यूनियन (एयू) की भी एंट्री होने जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सब कुछ तय योजना के मुताबिक सहमति का दौर और सभी सदस्य देशों की ‘हां’ हुई तो दिल्ली का भारत मंडपम जी-20 के लिए अब तक का सबसे मजबूत और दुनिया के एक बड़े हिस्से की भागीदारी को एक साथ लाने वाला स्थल बन जाएगा। वहीं भारत से जी-20 को मिलने वाली इतनी बड़ी ताकत को देखते हुए चीन ने एक चाल तो चल दी लेकिन वह उसमें भी एक्सपोज हो गया।

विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि जी-20 में अब तक के सबसे बड़े समूह वाले देश अफ्रीकन यूनियन के जुड़ने का रास्ता तकरीबन साफ हो गया है। विदेशी मामलों की जानकार और विदेश सेवा से जुड़ी रहीं डॉक्टर सुधा अग्रहरि कहती हैं कि वैसे तो जी-20 के दौरान बहुत से मसौदों पर आम सहमति बननी तय होती दिख रही है, लेकिन इसमें एक सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जी-20 समूह में अफ्रीकन यूनियन के 55 देशों को शामिल किए जाने पर आम सहमति का भी है। 

डॉक्टर सुधा कहती हैं कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसकी नई दिल्ली में होने वाली बैठक में मिलने वाली सहमति भारत को वैश्विक स्तर पर न सिर्फ बहुत बड़ी पहचान और ताकत के तौर पर स्थापित करेगी बल्कि एक वैश्विक नेतृत्व के लिहाज से भी भारत को एक नई पहचान दिलाएगी। उनका कहना है कि अफ्रीकी यूनियन में दुनिया की तकरीबन 66 फीसदी आबादी रहती है। उनका कहना है कि अगर दिल्ली में अफ्रीकन यूनियन को जी 20 से जुड़ने का रास्ता आधिकारिक तौर पर साफ हो जाता है तो यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जाना चाहिए। हालांकि, इसमें जी 20 के सामने सभी देशों की सहमति आवश्यक होगी।








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