10:29 AM, 21-Oct-2023
क्या है क्रू-एस्केप मिशन, जिसे सफलतापूर्वक दिया गया अंजाम
इसरो ने बताया कि फ्लाइट टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन1 में किसी अनहोनी की दशा में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने में यह क्रू-एस्केप प्रणाली काम आएगी। उड़ान भरते समय अगर मिशन में गड़बड़ी हुई तो यह प्रणाली क्रू मॉड्यूल के साथ यान से अलग हो जाएगी, कुछ समय उड़ेगी और श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर समुद्र में उतरेगी। इसमें मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को नौसेना की ओर से समुद्र से सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
10:23 AM, 21-Oct-2023
परीक्षण के तीन उद्देश्य पूरे
- परीक्षण वाहन की उप प्रणालियों का उड़ान प्रदर्शन और मूल्यांकन।
- अलग-अलग प्रणालियों के एक दूसरे से अलग होने व क्रू एस्केप सिस्टम का उड़ान प्रदर्शन और मूल्यांकन।
- अधिक ऊंचाई पर
- क्रू मॉड्यूल की विशेषताओं और इसकी गति धीमी करने वाली प्रणालियों का प्रदर्शन और पुनर्प्राप्ति।
10:18 AM, 21-Oct-2023
सफल लॉन्चिंग पर इसरो प्रमुख ने कही ये बात
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने गगनयान की सफलता को लेकर कहा, “मुझे गगनयान टीवी-डी1 मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है।”
#WATCH | ISRO chief S Somanath says, “I am very happy to announce the successful accomplishment of Gaganyaan TV-D1 mission” pic.twitter.com/MyeeMmUSlY
— ANI (@ANI) October 21, 2023
10:14 AM, 21-Oct-2023
इसरो के गगनयान मिशन के पहले टेस्ट मिशन (टीवी-डी-1) का लॉन्च सफल रहा। क्रू एस्केप मॉड्यूल लॉन्च के बाद अंतरिक्ष में पहुंचा और फिर सही-सलामत बंगाल की खाड़ी में उतर गया।
#WATCH | ISRO successfully launches test flight for Gaganyaan mission pic.twitter.com/PN6et991jg
— ANI (@ANI) October 21, 2023
10:17 AM, 21-Oct-2023
श्रीहरिकोटा: गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया।
#WATCH | Sriharikota: ISRO launches test flight for Gaganyaan mission after first test flight was aborted pic.twitter.com/pIbmjyJj3W
— ANI (@ANI) October 21, 2023
10:03 AM, 21-Oct-2023
मिशन के अगले फेज में अब क्या?
परीक्षण के तहत तरल ईंधन पर चलने वाले सिंगल स्टेज रॉकेट के साथ गगनयान के क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष में भेजा गय है। उड़ान के करीब एक मिनट बाद 12 से 17 किमी की ऊंचाई पर अभियान को रद्द करने की कमांड दी जाएगी। इस कमांड के साथ ही क्रू एस्केप सिस्टम सक्रिय हो जाएगा और 90 सेकंड में यह क्रू मॉड्यूल से अलग हो जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल वापस पृथ्वी पर लौटेगा।
- पैराशूट की मदद से क्रू मॉड्यूल तय कॉर्डिनेट्स के हिसाब से श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में उतरेगा। जहां भारतीय नौसेना की एक गोताखोर टीम और जहाज पहले से तैनात होंगे और क्रू मॉड्यूल को पानी से बाहर निकालेंगे।
- लॉन्च से लेकर क्रू मॉड्यूल के बंगाल की खाड़ी में उतरने तक करीब 9 मिनट का समय लगेगा। उड़ान के दौरान टेस्ट व्हीकल का शीर्ष सापेक्ष वेग करीब 363 मीटर प्रति सेकंड तक पहुंच जाएगा।
- अमेरिका और रूस जैसे देशों के अनुभव से इसरो ने सीखा है कि मानव मिशन में क्रू की सुरक्षा सर्वोपरी होनी चाहिए।
10:02 AM, 21-Oct-2023
गगनयान की परीक्षण उड़ान का सफल टेकऑफ
गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान की श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्चिंग हो गई है।
09:30 AM, 21-Oct-2023
10 बजे होगी टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग
गगनयान के परीक्षण मिशन को लॉन्चिंग से 5 सेकंड पहले रोकने को लेकर इसरो प्रमुख ने बड़ी बात कही है। उन्होंने बताया कि टेस्ट फ्लाइट उड़ान नहीं भर पाई, क्योंकि इसके इंजन शुरू नहीं हुए। हालांकि, अब गगनयान की टेस्ट फ्लाइट सुबह 10 बजे लॉन्च की जाएगी।
09:03 AM, 21-Oct-2023
इसरो चीफ ने बताया लॉन्च को रोकने का कारण
ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) के लॉन्च को होल्ड पर डालने की जानकारी दी। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा, “लिफ्ट-ऑफ का प्रयास आज नहीं हो सका…व्हीकल सुरक्षित है… हम जल्द ही वापस लौटेंगे… जो कंप्यूटर काम कर रहा है उसने लॉन्च रोक दिया है… हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च शेड्यूल करेंगे।”
08:47 AM, 21-Oct-2023
रोकी गई गगनयान की परीक्षण उड़ान
गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट को इसरो की तरफ से रोका गया है। लॉन्चिंग से ठीक पहले अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने इसकी लॉन्चिंग रोकने का फैसला किया। बताया गया है कि खराब मौसम की वजह से परीक्षण को टाला गया है।
08:40 AM, 21-Oct-2023
छह परीक्षणों की शृंखला में पहला परीक्षण
2025 में जब भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान के तहत अंतरिक्ष यात्री धरती से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में तीन दिन बिताने जाएंगे, तब किसी भी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को नहीं खोना पड़े, इसके लिए कुल छह परीक्षण की शृंखला में यह पहला परीक्षण है। इसरो के इस परीक्षण से क्रू इस्केप सिस्टम (सीईएस) की क्षमता और दक्षता के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी। इसके अलावा किसी आपात परिस्थिति में अभियान को बीच में ही रद्द किए जाने पर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बचाने की रणनीति को फेल-सेफ बनाने में मदद मिलेगी।
08:32 AM, 21-Oct-2023
अगले साल भेजा जा सकता है गगनयान
गगनयान भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है, इसे अगले साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा।
08:27 AM, 21-Oct-2023
यहां देख सकते हैं लॉन्च का सीधा प्रसारण
मिशन का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट http://isro.gov.in के अलावा https://facebook.com/ISRO और यूट्यूब लिंक https://youtube.com/watch?v=BMig6ZpqrIs पर देखा जा सकता है। इसके अलावा डीडी नेशनल टीवी चैनल पर भी इस परीक्षण उड़ान का सीधा प्रसारण होगा।
08:23 AM, 21-Oct-2023
Gaganyaan Mission: टेस्ट मिशन का लॉन्च देखने पहुंचे बच्चे
गगनयान मिशन के टेस्ट परीक्षण को देखने के लिए बड़ी संख्या में बच्चे पहुंचे हैं। श्रीहरिकोटा में हो रही इस विशेष लॉन्चिंग के लिए अलग-अलग स्कूल के बच्चे लाए गए हैं।
#WATCH | Gaganyaan Mission | Sriharikota, Andhra Pradesh: School students gather at the viewing gallery as ISRO is set to launch its first test flight (TV-D1 Flight Test) today from the First launch pad at SDSC-SHAR, Sriharikota pic.twitter.com/iTLo6MBRcC
— ANI (@ANI) October 21, 2023
08:09 AM, 21-Oct-2023
इसरो के लिए क्यों अहम है यह परीक्षण?
यह परीक्षण गगनयान अभियान के अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। परीक्षण के जरिये ऐसी काल्पनिक स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी की प्रणाली को परखा जाएगा, जिसमें किसी वजह से अभियान को बीच में ही रद्द करना पड़ जाए।