Gandhi Jayanti: यूएन चीफ ने महात्मा गांधी को किया याद, सीजेआई बोले- बापू की विरासत भारत की सीमाओं से कहीं आगे

Gandhi Jayanti: यूएन चीफ ने महात्मा गांधी को किया याद, सीजेआई बोले- बापू की विरासत भारत की सीमाओं से कहीं आगे



गांधी जयंती की शुभकामनाएं
– फोटो : amar ujala

विस्तार


गांधी जयंती के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के नेताओं ने बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर हम महात्मा गांधी के जन्म का जश्न मनाते हैं। गुटेरेस ने ट्वीट कर कहा कि हमें गांधी जी के विचारों पर ध्यान देना है और खुद को उनके विचारों के प्रति प्रतिबद्ध करना है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने गांधी जी के संदेश को याद किया। उन्होंने कहा कि बापू कहा करते थे कि शांति का कोई रास्ता नहीं है, शांति ही रास्ता है। बता दें, गांधी जी के इस विचार को यूएन मुख्यालय के उत्तरी लॉन में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास भी अंकित किया गया है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर, हम सभी के लिए शांति, न्याय और समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें।

भारतीय राजदूत ने भी गांधी जी को किया याद

दक्षिण अफ्रीका में भारत के राजदूत प्रभात कुमार ने भी गांधी जयंती के अवसर पर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की। सोमवार को उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी से जुड़े सभी स्थलों को सहेजने में भारत मदद करेगा। उन्होंने सांविधानिक न्यायालय परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। बता दें, यह स्थान पहले जेल के रूप में इस्तेमाल हुआ करता था और कहा जाता है कि गांधी जी ने भी यहां कारावास की सजा काटी थी। प्रभात कुमार ने कहा कि विदेश में अपनी सभी पोस्टिंग के दौरान मैंने हमेशा महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माला चढ़ाई है। 

सीजेआई ने भी अर्पित की श्रद्धांजलि 

सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को इंग्लैंड में कहा कि महात्मा गांधी की विरासत भारत की सीमाओं से कहीं आगे तक फैली हुई है। उनके विचारों ने दुनिया भर में अनगिनत व्यक्तियों और जन आंदोलनों को प्रेरित किया है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि  आज उनकी 154वीं जयंती पर, हम महात्मा गांधी को उनकी शिक्षाओं, ज्ञान और मानव जाति के प्रति करुणा के लिए याद करते हैं। बापू के विचारों ने सांस्कृतिक और भौगोलिक बाधाओं को पार करते हुए, दुनिया भर में अनगिनत व्यक्तियों और लोगों के आंदोलनों को प्रेरित किया है।

 



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