गुरु पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए घाटों पर आस्थावानों की भीड़
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ज्ञान की नगरी काशी में गुरु-शिष्य परंपरा का अद्भुत संगम आज गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर देखने को मिल रहा है। ज्ञान रूपी सागर में गोता लगाने के लिए शिष्यों का कारवां निकल पड़ा है। पादुका पूजन, आरती और भंडारे के साथ शिष्यों ने इस समागम को उत्सवमयी बनाया। गंगा स्नान के साथ ही आषाढ़ पूर्णिमा पर गुरु पीठों का पूजन आरंभ हो गया।
सामनेघाट से लेकर सारनाथ तक मठ-मंदिरों में सुबह से ही शिष्यों के आगमन का सिलसिला जारी है। सुहावने मौसम के बीच शहर के कई मार्गों पर जाम की स्थिति है। दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ शिक्षा मंडल में सर्वप्रथम धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज ने सुबह छह बजे धर्मसम्राट स्वामी करपात्री महाराज की प्रतिमा पर पादुका पूजन किया।
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जिले भर के मठ और आश्रमों में गुरु पूर्णिमा के आयोजन
उसके पश्चात ब्रह्मलीन लक्ष्मण देव चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज की प्रतिमा का पूजन अर्चन किया। सुबह आठ बजे से गुरु पूजन कार्यक्रम शुरू हो गया। जगह-जगह से आए श्रद्धालु गुरु पूजन कर स्वामी शंकरदेव से आशीष ले रहे हैं और दीक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ, सर्वेश्वरी समूह आश्रम पड़ाव, संतमत अनुयायी आश्रम मठ गड़वाघाट, बाबा कीनाराम स्थली क्रीं कुंड औऱ सद्गुरु स्वामी सरनानंद के गड़वाघाट आश्रम में मेले जैसा नजारा है। पड़ाव स्थित अघोर पीठ, मणिकर्णिकाघाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम, पातालपुरी मठ, तुलसीघाट सहित शहर के सभी मठ व आश्रमों में गुरु पूर्णिमा के आयोजन हो रहे हैं।