सहपाठियों ने छात्र की मौत का डीन पर लगाया आरोप
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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) सिलचर के तृतीय वर्ष के एक छात्र ने परिसर में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उसकी हत्या से गुस्साए सहपाठियों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। बाद में विरोध ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई में 40 लोग घायल हुए हैं।
अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले छात्र का शव शुक्रवार शाम को छात्रावास के कमरे में लटका हुआ मिला था। जब पुलिस शव उतारने लगी तो सहपाठियों ने रोकने की कोशिश की और आरोप लगाया कि छात्र ने कॉलेज प्रशासन की हरकतों से परेशान होकर जान दी है। दो घंटे बाद, जब पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने में कामयाब रही, तो छात्रों ने परिसर में डीन ऑफ एकेडमिक बीके रॉय के आधिकारिक आवास के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
सहपाठियों ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के कारण साल 2021 में सभी लोग अपने घर पर थे। उस वक्त पहले सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी। इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के कारण पीड़ित छात्र को छह बैकलॉग मिले थे। उसने अधिकारियों से मांग की थी कि एक विशेष परीक्षा आयोजित की जाए ताकि वह परीक्षा पास कर सके। लेकिन डीन रॉय ने उसकी काफी बेइज्जती की और परीक्षा कराने से मना कर दिया। इस घटना के बाद उसने खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया और आत्महत्या कर ली।
कछार के पुलिस अधीक्षक नुमल महट्टा ने बताया कि मौत को लेकर विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया और छात्रों ने रॉय के आवास में कथित तौर पर तोड़फोड़ की है। साथ ही पुलिस और अन्य अधिकारियों पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि स्थिति को संभालने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज में 40 छात्र घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि कुछ छात्रों की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं मामले की जांच की जा रही है।
एनआईटी-सिलचर के निदेशक दिलीप कुमार बैद्य ने छात्र की मौत पर दुख जताया। साथ ही कहा कि उसका अकादमिक रिकॉर्ड खराब था। उन्होंने घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, “कुछ छात्र असफल हो जाते हैं, और वे नाजायज मांगों के साथ आते हैं।
कछार के जिला आयुक्त रोहन कुमार झा ने परिसर का दौरा किया। साथ ही घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया। हालांकि, छात्रों ने कहा कि वे अपना विरोध जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा की अधिकारियों के गलत फैसलों के कारण हमारे सहपाठी की मौत हो गई, हम न्याय मिलने तक अपना विरोध जारी रखेंगे। एसपी ने बताया कि सीआरपीएफ की एक कंपनी के साथ परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।