वाराणसी कोर्ट
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श्रावण मास में अधिमास पड़ने की वजह से आदिविश्वेश्वर की तत्काल पूजा-अर्चना के लिए बुधवार को एक नया वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन शिखा यादव की अदालत में दाखिल किया गया। यह वाद ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिष्य व आदिविश्वेश्वर डोली रथयात्रा के राष्ट्रीय प्रभारी शैलेंद्र योगीराज सरकार की तरफ से दाखिल किया गया है।
वाद में कहा गया कि सनातन धर्म का पालन करने वाले लोग श्रावण मास के अधिमास में मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करते हैं। ज्ञानवापी परिसर में साक्षात शिवलिंग प्रकट हुआ है। ऐसे में श्रावण मास के इस अधिमास में उस प्रकट शिवलिंग की पूजा अत्यंत आवश्यक है, इसलिए आदिविश्वेश्वर के शिवलिंग की पूजा-अर्चना और राग-भोग का अधिकार तुरंत दिया जाए।
अधिमास में पूजा-अर्चना का अधिकार मिलना ही चाहिए
वादी शैलेंद्र योगीराज सरकार के अधिवक्ता डॉ. एसके द्विवेदी बच्चा ने कहा कि अधिमास में पूजा-अर्चना का अधिकार मिलना ही चाहिए। शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडेय ने सरकार की तरफ से वाद का विरोध किया।