Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मंदिर या मस्जिद? सर्वे से होगा 354 वर्षों के विवाद का समाधान; जानें सबकुछ

Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मंदिर या मस्जिद? सर्वे से होगा 354 वर्षों के विवाद का समाधान; जानें सबकुछ



ज्ञानवापी परिसर।
– फोटो : social media

विस्तार


वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम कर रही है। ज्ञानवापी में एएसआई की टीम बिना मशीनों के प्रयोग से ही पूरे परिसर का नक्शा शीट पर उतार रही है। एएसआई सर्वे से ज्ञानवापी को लेकर 354 वर्षों से चल रहे विवाद के समाधान की उम्मीद जगी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने 1669 में मंदिर ध्वस्त कराया और उसके ढांचे को बदल दिया। तभी हिंदू अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब कानूनी तरीके से अधिकार पाने के प्रयास में लगे हैं। वहीं, मुस्लिम पक्ष को इस दावे पर आपत्ति है। उसका कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में 600 वर्षों से नमाज अदा की जा रही है।

ज्ञानवापी परिसर के एएसआई से सर्वे का वाद जिला अदालत में दाखिल करने वाले सीता साहू, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और अंजू व्यास ने तमाम दावे किए हैं। शपथ पत्र दाखिल करके अदालत को बताया है कि उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान आदि विश्वेश्वर का मंदिर है।

एएसआई सर्वे से ही समाधान संभव

इसे मुगल शासक औरंगजेब के फरमान से वर्ष 1669 में ध्वस्त किया गया था। इसके खिलाफ काशी और देश के अन्य हिस्सों में हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों ने आवाज उठानी शुरू कर दी थी। मांग थी कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान आदि विश्वेश्वर का मंदिर पुन: मूल स्वरूप में स्थापित किया जाए। यह विवाद 354 वर्षों से चल रहा है। एएसआई सर्वे से ही समाधान संभव है।



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