ज्ञानवापी पहुंची सर्वेक्षण टीम
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ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार की सुबह एएसआई की टीम सर्वे टोपोग्राफी से ही शुरू करेगी। पहले चरण में दो से तीन दिन तक पूरे परिसर का नक्शा तैयार किया जाएगा। उसके भौगोलिक ढांचे को समझा जाएगा। पांचवें दिन से रडार व कार्बन डेटिंग तकनीक के जरिये ज्ञानवापी के इतिहास की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। ज्ञानवापी परिसर का सर्वे 15 दिन में पूरा किया जा सकता है।
एएसआई के विशेषज्ञों की टीम चरणबद्ध तरीके से जिला अदालत के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेगी। जिला अदालत ने 11 बिंदुओं पर सर्वे करके रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुहर लगते ही एएसआई की टीम सक्रिय हो गई। पहले हुए सर्वे की वजह से उपकरण भी वाराणसी में रखे हैं। इसीलिए शुक्रवार सुबह से ही सर्वे शुरू किया जा रहा है।
रडार तकनीक का उपयोग बाद में
24 जुलाई को हुए सर्वे में ज्ञानवापी परिसर की माप ली गई थी। नक्शा और गूगल अर्थ के मुताबिक लोकेशन आदि को टोपोग्राफी शीट पर उतारा गया था। अब यही प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। एएसआई के सूत्रों का कहना है कि रडार तकनीक का उपयोग बाद में किया जाएगा। इसके जरिये कंक्रीट, डामर, धातु, पाइप, केबल या चिनाई के नमूने जुटाए जाएंगे और कार्बन डेटिंग पद्धति से उम्र आदि का पता लगाएंगे। जिला जज की अदालत ने वर्तमान इमारत को नुकसान पहुंचाए बगैर सर्वे के आदेश दिए हैं।