ज्ञानवापी परिसर में बीते साल मई में भी हुआ था सर्वे
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वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के एएसआई से सर्वे कराने का आदेश दो वर्ष पहले भी जिला अदालत ने दिया था। हालांकि सर्वे के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ से संबंधित इस मुकदमे की सुनवाई की अगली तिथि 25 जुलाई है। इसी प्रकरण को लेकर जिला जज की अदालत में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की निगरानी याचिका भी लंबित है।
वर्ष 1991 में सिविल कोर्ट में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ व अन्य बनाम अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी व अन्य का वाद दाखिल किया गया था। लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने 10 दिसंबर 2019 को जिला अदालत में प्रार्थना पत्र देकर ज्ञानवापी परिसर का एएसआई से रडार तकनीक से सर्वे कराने की मांग की थी।
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आठ अप्रैल 2021 को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट आशुतोष तिवारी की अदालत ने विजय शंकर रस्तोगी के आवेदन को स्वीकार कर सर्वे का आदेश दिया था। हालांकि, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की अपील पर सितंबर 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी थी। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में 25 जुलाई को होनी है।