Gyanvapi Case: शिवलिंग को नुकसान पहुंचाने में मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी पर आदेश सुरक्षित, पढ़ें- क्या हुआ?

Gyanvapi Case: शिवलिंग को नुकसान पहुंचाने में मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी पर आदेश सुरक्षित, पढ़ें- क्या हुआ?



Gyanvapi controversy
– फोटो : Social Media

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ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मुकदमा दर्ज कराने की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को स्पेशल सीजेएम उज्जवल उपाध्याय की अदालत में बहस पूरी हो गई। अदालत ने आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित कर ली है। यह सुनवाई निगरानी अदालत के आदेश पर हुई है। निचली अदालत ने पहले मामले को खारिज कर दिया था। जल्द ही आदेश आ सकता है। भेलूपुर के बजरडीहा निवासी विवेक सोनी और चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव की तरफ से दिए गए प्रार्थनापत्र पर अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानन्द राय ने दोपहर एक बजे पक्ष रखा।

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अधिवक्ताओं ने कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में स्थित है। इसे ज्योतिर्लिंग की प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापित किया गया था, जो जीवित स्वरूप है। इसका कभी विध्वंश नहीं हुआ बल्कि मंदिर के स्वरूप को क्षतिग्रस्त किया गया था। मंदिर के मलबे से ही भवन का स्वरूप बदला गया। हर स्थिति में ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर कायम रहा है। कुछ अज्ञात लोगो ने ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर ढकने के उपरांत एक पोखरी का निर्माण कर वजू का स्थान गैरकानूनी तरीके से बना लिया। श्रीकाशी विश्वनाथ

ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंचाकर हिंदू भावनाओं को भड़काने का काम किया। शिवलिंग के ऊपरी भाग में सीमेंट लगाया और ड्रिलिंग मशीन से शिवलिंग में छेद करके उसे फौव्वारा का रूप देने का प्रयास किया। इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हैं। घटना की सूचना तीन जनवरी 2023 को पुलिस को दी गई थी। मगर, कोई सकारात्मक नतीजे सामने नहीं आया। निचली अदालत से प्रार्थना पत्र खारिज होने के बाद ऊपरी अदालत में रिवीजन याचिका दाखिल की गई। अब मुकदमा दर्ज करके विवेचना का आदेश दिया जाए।

ये था मामला

मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी पहले स्पेशल सीजेएम उज्जवल उपाध्याय की अदालत में डाली गई थी। अदालत ने मामले की सुनवाई की और अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई, जिसे अदालत स्वीकार कर लिया। साथ ही निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें कि मुकदमा दर्ज कराने के प्रार्थना पत्र को खारिज किया गया था। ऊपरी अदालत के आदेश पर दोबारा स्पेशल सीजेएम की अदालत में बहस हुई है। अब अदालत ने आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित कर ली है।

 

एक और मामले की होगी सुनवाई

 

सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट आकाश वर्मा की अदालत में बुधवार को ज्ञानवापी से जुड़े एक अन्य मामले की सुनवाई होनी है।प्रकरण के अनुसार ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर विराजमान की तरफ से बड़ी पियरी निवासी अधिवक्ता अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी ने वाद दाखिल किया है। इसमें ज्ञानवापी स्थित आराजी पर भगवान का मालिकाना हक घोषित करके केंद्र व राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग करने की मांग की गई है। ज्ञानवापी की बैरिकेडिंग हटाने की मांग भी की गई है।

 



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