दयालपुर की जमीन पर करवन नदी के पास स्थित अंत्येष्टि स्थल
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हाथरस के मुरसान कस्बा में अंत्येष्टि स्थल न होने के कारण लोगों को यहां से करीब तीन किलोमीटर दूर गांव दयालपुर की सीमा में बने श्मशान स्थल पर शवों का अंतिम संस्कार करने जाना पड़ता है। कस्बे में श्मशान स्थल बनवाने के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार प्रशासन और नगर पंचायत से जमीन उपलब्ध कराने की मांग की जा चुकी है, लेकिन जमीन के अभाव में श्मशान स्थल नहीं बन सका है। इस कारण कस्बे के लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
कस्बे से करीब तीन किलोमीटर दूर बने अंत्येष्टि स्थल शवों को लेकर पैदल जाना पड़ता है। इतनी दूरी तक पहुंचने में बुजुर्गों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्हें दूसरों की मदद से अंत्येष्टि स्थल तक ले जाया जाता है। काफी लोग अपने वाहनों से अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। बता दें कि कस्बा मुरसान की आबादी करीब 20 हजार है। इनमें करीब 16 हजार हिंदू और करीब चार हजार मुस्लिम हैं।
4000 आबादी वाले मुस्लिम समाज के कस्बे में दो कब्रिस्तान हैं, जिसमें एक काली मंदिर के निकट करीब आठ बीघा जमीन पर है। दूसरा मुरसान के निकट ताजपुर मार्ग पर है। कस्बा के बिजलीघर रोड सहित आसपास के मोहल्ले के लोग करीब तीन किलो मीटर की दूरी पर स्थित ताजपुर के निकट करवन नदी के पास जय सिंह नामक श्मशान स्थल पर शवों को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते हैं। यहां भी अंतिम संस्कार के लिए कोई सुविधा तक नहीं है।
नगर पंचायत क्षेत्र में नगर पंचायत के पास ऐसी कोई जमीन नहीं है, जहां अंत्येष्टि स्थल बनवा दिया जाए। मजबूरी में लोग मुरसान से करीब तीन किलोमीटर दूर करवन नदी के पास दयालपुर ग्राम पंचायत की जमीन पर शवों को ले जाते हैं। -गिर्राज किशोर शर्मा, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष
मेरे पिछले कार्यकाल में प्रशासन से नगर पंचायत क्षेत्र के पास अंत्येष्टि स्थल के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी, लेकिन जमीन न मिलने के कारण कस्बा के पास में अंत्येष्टि स्थल नहीं बन सका है। अब फिर से प्रशासन से जमीन उपलब्ध कराने के लिए मांग की जा रही है। अगर जमीन मिलती है तो नगर पंचायत द्वारा पूर्ण सुविधानुसार अंत्येष्टि स्थल बनाया जाएगा। -देशराज सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष
दयालपुर ग्राम पंचायत की जमीन पर बने अंत्येष्टि स्थल पर भी लोगों ने कब्जा कर रखा है। इसके सुंदरीकरण के लिए मेरे द्वारा कई बार अधिकारियों सहित लखनऊ बैठे मंत्रियों तक मांग की गई है। इसकी लेखपालों ने पैमाइश भी कर ली है, लेकिन इस समय जिला पंचायत द्वारा एक छोटी जगह पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए निर्माण कार्य कराया जा रहा है। -दिलीप मित्तल, मंडल उपाध्यक्ष