हाथरस कांड
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हाथरस बिटिया प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को नोटिस जारी किए जाने के बाद पीड़ित परिवार को प्रदेश से बाहर आवास मिलने की उम्मीद जाग गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में पीड़ित परिवार को उत्तर प्रदेश से बाहर में बसाने की मांग की गई थी। परिवार का कहना है कि अगर उनकी दिल्ली में रहने की व्यवस्था की जाए तो अधिक बेहतर होगा, क्योंकि वह गांव और हाथरस शहर में खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। साथ ही, प्रदेश सरकार द्वारा आवास और नौकरी न दिए जाने का कारण भी जानना चाहते हैं।
चंदपा क्षेत्र के एक गांव में बिटिया के संग दरिंदगी हुई थी। बाद में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा था। पीड़ित परिवार का कहना है कि उस वक्त प्रदेश सरकार ने लिखित में नौकरी व आवास देने का आश्वासन दिया था, लेकिन दोनों ही मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने इस मामले में 2022 में आदेश भी जारी किया था।
परिवार ने बताया कि आरोपी पक्ष के गांव के अलावा हाथरस शहर में दुकान व मकान हैं। इसलिए गांव में खुद को बंधन में महसूस कर रहे हैं। यहां तक कि बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। इसलिए दिल्ली में रहना चाहते हैं। यदि दिल्ली में आवास नहीं मिलता है तो गाजियाबाद या नोएडा में आवास दिया जाए। हमारी पहली मांग दिल्ली में रहना है।
परिवार ने बताया कि मुआवजे के तौर पर मिली धनराशि से गुजर-बसर हो रहा है। तीन साल हो गए हैं, अब पैसा भी खत्म होने को है। मुकदमे के संबंध में कहीं जाना होता है तो गाड़ी करके जाना पड़ता है। अन्य खर्चे भी हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने से आवास मिलने की उम्मीद जगी है।