कोर्ट का आदेश
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हाथरस में अपर सत्र न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव के न्यायालय में 41 साल पहले हुई डकैती के दोषी डकैत को 10 साल के कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनाई है। इस मामले में छह अभियुक्तों की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी।
यह वारदात थाना सासनी के गांव मलिकपुरा में 17 जनवरी की रात साल 1982 में हुई थी। आठ-दस डकैतों ने गोधनलाल के घर पर धावा बोल दिया था। बदमाशों की फायरिंग में जाग हो गई थी और डकैतों व ग्रामीणों के बीच फायरिंग हुई। इस घटना में गोधनलाल के पैरों और उनके पिता छेदालाल के हाथ व पेट में छर्रे लगे थे। दो डकैत सुघड़पाल निवासी रेरा थाना एत्मादपुर आगरा और भोले निवासी नगला आलिया को लोगों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। उन्हें भी ग्रामीणों की गोलियां लगी थीं। गोधनलाल ने 500 रुपये और अन्य सामान लूटकर ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
विवेचनाधिकारी ने अभियुक्त भोले और सुघड़पाल के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। अभियुक्त रविंद्र, विजेंद्र ,धनवीर, महीपाल व हर प्रसाद के विरुद्ध फरारी में आरोप पत्र दाखिल किया। इनके खिलाफ धारा 82 व 83 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत भी कार्रवाई की गई। फरारी में ही इन पांचों अभियुक्तों की मृत्यु हो जाने पर उनके विरुद्ध विवेचना समाप्त कर दी गई। अभियुक्त सुघड़पाल की भी पत्रावली न्यायालय में कमिट किए जाने से पूर्व मृत्यु हो गई।
इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक महेंद्र श्रीवास्तव के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत अभियुक्त भोले पुत्र सूरजपाल निवासी नगला आलिया थाना हाथरस जंक्शन जिला अलीगढ़ ( वर्तमान में हाथरस) को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी राजपाल सिंह दिशवार ने की।