नगर पालिका टाउन हॉल में आयोजित बोर्ड की बैठक को संबोधित करतीं नगर पालिकाध्यक्ष श्वेता चौधरी
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नगर पालिका परिषद बोर्ड की अति आवश्यक बैठक बुधवार को एकाएक आयोजित की गई। हंगामे के बीच बैठक में 1.70 करोड़ रुपये के प्रस्तावों पर मुहर लगा दी। बैठक में नाला सफाई और पथ प्रकाश व्यवस्था सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मानसून के मद्देनजर 10316 मीटर नाले की सफाई का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया।
नगर पालिका परिषद हाथरस की बोर्ड बैठक में कार्यालय अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने तैयार किए सभी प्रस्तावों को बोर्ड के समक्ष पढ़कर सुनाया। इन्हें सुनने के बाद सभासदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस मौके पर नालों की सफाई के लिए 55.40 लाख, पंपसेटों के संचालन के लिए 96450 रुपये, शौचालयाें में सामान के लिए 97916 रुपये, सफाई कार्य के लिए मजदूर रखने के लिए 35.31 लाख रुपये के प्रस्ताव रखे गए।
सफाई कार्य के लिए उपकरणों की खरीद के लिए 14.03 लाख रुपये, शहर में प्रकाश व्यवस्था के लिए सामान खरीद के लिए 6.23 लाख रुपये, प्रकाश व्यवस्था के लिए 6.96 लाख रुपये , किला खाई स्थित गोशाला की व्यवस्था के लिए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की आपूर्ति के लिए 9.28 लाख रुपये का प्रस्ताव सदन के समक्ष रखा गया।
इस क्रम में नगर पालिका परिषद के सभी 35 वार्डाें में वाटर एटीएम और वाटर कूलर द्वारा पेयजल की व्यवस्था के प्रस्तावों को रखा गया। सदन में गोशाला में गोवंशों के लिए हरा चारा, भूसा, चोकर की आपूर्ति के लिए 41.16 लाख रुपये का प्रस्ताव भी रखा गया। इन सभी प्रस्तावों पर हंगामे के बीच सदन ने स्वीकृति दी। कई प्रस्तावों में दरों के ज्यादा होने को लेकर सभासदों ने आपत्ति जताई। इन दरों को सही करने की अपील की। सभासदों ने जलभराव और गंदगी की समस्या को जोर-शोर से उठाया। नगर पालिका अध्यक्ष श्वेता चौधरी ने कहा कि सभी प्रस्तावों पर पारदर्शिता के साथ काम किया जाएगा।
सभासद बोले- रात आठ बजे मिला एजेंडा, सुबह 10 बजे से बैठक
हाथरस नगर पालिका परिषद की अति आवश्यक बैठक को लेकर सभासदों में विरोध स्वर सुनाई दिए। वार्ड नंबर 34 से सभासद सुनील अग्निहोत्री, वार्ड नंबर नौ से सभासद धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि अति आवश्यक बैठक बुलाने के लिए बैठक के एजेंडा को रात आठ बजे घरों पर पहुंचाया गया है, जबकि अगले दिन बुधवार सुबह 10 बजे की बैठक रख दी गई। सभासदों को एजेंडा पढ़ने और समझने का मौका ही नहीं मिल सका। सभासद सुनील अग्निहोत्री ने कहा कि एजेंडे में ज्यादातर प्रस्ताव घुमावदार रखे गए हैं। इन प्रस्तावों पर मंथन का समय ही नहीं मिल सका। अपने क्षेत्र के कई नालों की सफाई के प्रस्ताव दिए थे, लेकिन उनको इस एजेंडे में शामिल नहीं किया गया।
मानसून को देखकर आई नाला सफाई की सुध नगर पालिका प्रशासन स्तर से शहर में सफाई व्यवस्था में लापरवाही बरती जा रही है। इसका जीता जागता उदाहरण यह अति आवश्यक बोर्ड बैठक है। नगर पालिका प्रशासन की ओर से मानसून के आने से ठीक नालों की सफाई कार्य पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इस कारण महज सात दिन के अंदर दूसरी बोर्ड बैठक बुलानी पड़ गई।
बैठक में नालों की सफाई के अहम प्रस्तावों को शामिल नहीं किया। जैसे ही मानसून ने दस्तक दी तो पालिका प्रशासन को नालों की सुध आ गई। वर्तमान में सभी नालों में सिल्ट व पॉलिथीन जमा हैं। अब सवाल यह है कि कब तक टेंडर प्रकिया पूरी होकर नालों की सफाई पूरी हो पाएगी। इससे पहले ही अगर बारिश हो गई तो नालों से निकली गाद फिर से इन्हीं नालों में पहुंच जाएगी।