दाऊजी मंदिर के मुख्य द्वार के बराबर पुरातत्व विभाग द्वारा कराया गया कार्य
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पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित राजा दयाराम किला परिसर का रूपरंग आने वाले समय में और आकर्षक दिखाई देगा। इसकी शुरुआत विभाग ने यहां स्थित मंदिर श्रीदाऊजी महाराज से कर दी है। मंदिर परिसर को गुलाबी व लाल पत्थरों से सजाने-संवारने की योजना बनाई गई है।
इस साल राजा दयाराम किला परिसर में लगने वाले मेला श्रीदाऊजी महाराज का नजारा बदला हुआ दिखाई देगा। हर साल मुख्य मंदिर के नीचे लगने वाली दुकानों में ऊपर से पानी गिरने, छज्जे का मलबा गिरने जैसी घटनाएं सामने नहींं आएंगी। मंदिर परिसर के नीचे का जर्जर हिस्सा इस साल कुछ अलग रूपरंग में दिखाई देगा। पुरातत्व विभाग की ओर से मंदिर परिसर को वास्तविक पौराणिक स्वरूप दिए जाने की तैयारी की जा रही है। जर्जर छज्जे को तोड़कर यहां गुलाबी पत्थर लगाए गए हैं। मंदिर परिसर के टूटे हुए फर्श को भी एतिहासिक स्वरूप दिए जाने के लिए लाल पत्थर का प्रयोग किया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में मंदिर परिसर का स्वरूप काफी हद तक बदल दिया जाएगा। दाऊजी मंदिर परिसर को संरक्षित करते हुए भारी पत्थरों को लगाकर पुराणों में वर्णित स्वरूप दिए जाने की कोशिश की जाएगी। मेला आयोजन से पहले पुरातत्व विभाग की ओर से मंदिर के पीछे के हिस्से को बेहतरीन स्वरूप दिया गया है। यहां की ऊबड़-खाबड़ जमीन पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई गई हैं। यहां बनी पुरानी छतरी को भी जल्द ही संरक्षित किया जाएगा।
पिछले एक साल में मंदिर श्रीदाऊजी महाराज के स्वरूप में बड़ा परिवर्तन आया है। पुरातत्व विभाग द्वारा धीमी गति से काम किया जा रहा है, लेकिन मंदिर परिसर को वाकई पौराणिक स्वरूप दिया जा रहा है। मेला में आने वालों को इस साल कुछ अलग दिखाई देगा।-धीरज वार्ष्णेय, सदस्य रेवती मैया मेला कमेटी, हाथरस