गांव नगला बघेल में माता के मन्दिर जाने वाले रास्ते में भरा पानी
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हाथरस में सहपऊ के गांव पंचायत पीहुरा का मजरा नगला बघेल हमेशा से विकास के मामले में अति पिछड़ा रहा हैं। गांव में चार घरों को छोड़ कर अधिकतर बघेल समाज के लोग रहते हैं। इस समाज के लोग दूध के व्यापार करने के लिए पशु पालन के साथ खेती करते हैं। गांव की आबादी लगभग 400 है। अभी तक किसी भी परिवार से कोई युवक सरकारी अथवा प्राइवेट नौकरी में नहीं है।
गांव में करीब सात वर्ष पहले ही विद्युतीकरण हुआ है। पूर्व प्रधान ने गांव में दो पेवर्स के खंरजे कराए हैं, बाकी गांव के रास्तों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। काफी प्रयास के बाद एक प्राथमिक विद्यालय खुला। गांव से कुछ ही दूरी पर गांव की मात का छोटा सा मन्दिर है। इसके साथ ही गांव के लिए परिक्रमा मार्ग बना है। क्षेत्र में बारिश न के बराबर हुई है, फिर भी मां के मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते में जल भरा हुआ है।
मन्दिर में पूजा अर्चना करने जाने वाले श्रद्धालुओं को गंदे पानी में होकर जाना पड़ता हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पीहुरा ग्राम पंचायत में अब तक जितने प्रधान हुए हैं। उन सभी ने वोट के समय तो काफी सब्जबाग दिखाए, लेकिन चुनने के बाद इस गांव में किसी ने कुछ करके नहीं दिया। माता के मन्दिर को जाने वाले रास्ते में जलभराव के निदान के लिए कई बार ब्लॉक एवं ग्राम प्रधान से जाकर मिले, लेकिन किसी ने समस्या का निदान नहीं किया। गांव के अन्य मार्गो की हालत भी खराब हैं। उन पर जलभराव होने से मच्छर पैदा हो गए हैं, जिससे मलेरिया फैलने का भय भी सता रहा है।
कई बार मन्दिर जाने वाले मार्ग पर जलभराव को लेकर प्रधान से कहा है लेकिन उसके कानों पर कोई जूं नहीं रैंगती। आश्वासन देने के अलावा कोई कार्य नहीं कराया है। – राम प्रसाद बघेल
मां के मन्दिर जाने वाले रास्ते में गंदा पानी भरा हुआ है। इसमें होकर ही जाना पड़ता है। कभी कभार जब कोई बच्चा साथ होता है, तो उसके पानी में गिरने का डर लगा रहता है। इसके साथ ही घास भी काफी बड़ी हो गई है, उसमें कीड़ों के साथ सांप के छिपने होने का भय बना रहता है।– कुमारी पूजा
पूरे गांव के रास्तों की काफी दयनीय स्थिति है। प्रधान गांव के साथ भेदभाव का व्यवहार करतें हैं, इस कारण ही हमारे इस गांव का विकास नहीं हो पाया है। – रनवीर सिंह
छोटी ग्राम पंचायत होने के कारण सरकार से इसके विकास के लिए काफी धनराशि मिलती है। पिछले दो वर्षों में केवल पंचायत भवन का ही निर्माण हो सका है। जैसे ही सरकारी धनराशि आ जाएगी मां के मन्दिर जाने वाले रास्ता पक्का करा दिया जाएगा – देवेन्द्र गाैतम, पंचायत सचिव, पीहुरा