Hathras News: मलेरिया, नेत्र संक्रमण और बुखार का प्रकोप बढ़ा, घर-घर बिछीं चारपाई

Hathras News: मलेरिया, नेत्र संक्रमण और बुखार का प्रकोप बढ़ा, घर-घर बिछीं चारपाई



ढड़ौली में नेत्र रोगियों को दवा वितरित करते स्वास्थ कर्मचारी
– फोटो : अमर उजाला

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हाथरस के गांव बहादुरपुर देवकरण में मलेरिया, नेत्र संक्रमण और बुखार का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। गांव के हर घर में मरीजों की चारपाई बिछी हुई हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक गांव में कीटनाशक का छिड़काव नहीं कराया है, जबकि गांव में मच्छरों का प्रकोप चरम पर है। मच्छरों के प्रकोप से बीमारियों का खतरा और बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग इन बीमारियों की रोकथाम में नाकाम साबित हो रहा है। विभाग को तो गांव में मलेरिया के प्रकोप की जानकारी तक नहीं है।

निजी चिकित्सालयों में मरीजों की भरमार है। अप्रशिक्षित चिकित्सक इस मौके का खूब फायदा उठा रहे हैं। वह अपनी पसंदीदा निजी प्रयोगशालाओं में मरीजों के खून की जांच करा रहे हैं और खून में पट्टिकाएं कम आने पर मरीजों को डेंगू और चिकिनगुनिया बताकर इलाज के नाम पर उनकी जेब पर डाका डाल रहे हैं।

कस्बे में रंजीत सिंह, चंद्रवती, यश, आरती, रमेशचंद्र, गंभीर सिंह, शीलेंद्र कुमार, ओमप्रताप, शिवानी, मंजू देवी, प्रेमशंकर, केशव यादव, रमन यादव एवं चेष्ठा यादव बुखार की चपेट में हैं। इनके अलावा क्षेत्र में नेत्र संक्रमण पीड़ितों की संख्या भी अच्छी-खासी है। सीएचसी प्रभारी डाॅ. विजय आनंद का कहना है कि गांव में मलेरिया फैलने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। विभाग की टीम को भेजकर गांव में लोगों के स्वास्थ्य की जांच कराई जाएगी और उन्हें जरूरी दवाएं मुहैया कराई जाएंगी।

गांव में छिड़कवाने के लिए दी गई दवा का पता नहीं

स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांवों में मच्छर मारने के लिए कीटनाशक का अभी तक छिड़काव नहीं कराया गया है। बहादुरपुर देवकरण के ग्रामीणों का कहना है कि कीटनाशक का छिड़काव न होने से गांव में मच्छरों का पनपना शुरू हो गया है।

इधर, विकास खंड कार्यालय से बताया गया कि गांवों में छिड़काव के लिए कीटनाशक प्रधान और वहां तैनात सफाई कर्मचारियों को मुहैया कराए गए हैं। सवाल यह है कि जब गांवों में कीटनाशक छिड़का ही नहीं गया तो गया कहां। खंड विकास अधिकारी सुरेश कुमार सिंह का कहना है कि बहादुरपुर देवकरण के सफाई कर्मी को नोटिस देकर पूछा जाएगा कि उसने मच्छर मारने की दवा का छिड़काव क्यों नहीं किया। 



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