सर्पदंश
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सर्प दंश से मौत के मामले में मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती है। हैरानी की बात यह है कि यहां जिले में सर्प दंश से मौत के मामले तो सामने आए हैं, लेकिन इन परिवारों को जागरूकता की कमी के चलते शासन से मिलने वाली मदद मुहैया नहीं हो पा रही है। परिजन जागरूकता के अभाव में शव का पोस्टमार्टम नहीं कराते हैं। पोस्टमार्टम न होने के कारण आर्थिक मदद नहीं मिल पाती है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक दो लोगों की सर्प दंश से मौत हुई है, जिसमें एक परिवार ने ही शव का पोस्टमार्टम कराया है।
शासन की ओर से सर्प दंश से मौत होने की दशा में मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराने का प्रावधान है। इसके लिए मृतक के परिजनों को शव का पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य है, जिससे कि सांप काटे की पुष्टि हो सके। इस जागरूकता के अभाव में जिले में सर्प दंश से होने वाली मौत के परिजनों को योजना के तहत मदद मुहैया नहीं हो पाती है।
पिछले वित्तीय वर्ष में अक्टूबर माह में सिकंदाराराऊ क्षेत्र में बाबा व नातिन की मौत हो गई थी, लेकिन इस परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं मिल सकी। इसी तरह के कई मामलों में मृतक के परिजन आर्थिक मदद से वंचित रह गए। वहीं वर्तमान में सिंकदराराऊ क्षेत्र में सर्प दंश से एक महिला की मौत हुई। इसके परिवारीजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद आर्थिक मदद के लिए प्रार्थना पत्र दे दिया है। इस प्रार्थना पत्र के आधार पर जल्द ही आर्थिक मदद मुहैया हो सकेगी।
वहीं दूसरी ओर सादाबाद में एक व्यक्ति की सर्प दंश से मौत हुई, लेकिन परिजनों ने आर्थिक मदद के लिए आवेदन तो किया है, लेकिन उन्होंने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया। इस कारण इस परिवार को आर्थिक मदद नहीं मिल सकेगी। आपदा विशेषज्ञ लेखराज सिंह ने बताया कि शासन की ओर से सर्प दंश से मौत होने वाले के परिजनों को 4 लाख रुपये की मदद का प्रावधान है।