Hathras News: सीएचसी खुलने का समय आठ , नौ बजे तक नहीं पहुंचा कोई चिकित्सक, मरीज करते रहे इंतजार

Hathras News: सीएचसी खुलने का समय आठ , नौ बजे तक नहीं पहुंचा कोई चिकित्सक, मरीज करते रहे इंतजार



सीएचसी पर नौ बजे तक सीएचसी प्रभारी का खाली पड़ी कार्यालय
– फोटो : अमर उजाला

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हाथरस के सहपऊ कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का काम राम भरोसे चल रहा है। सीएचसी का खुलने का समय सुबह आठ बजे का है, लेकिन कोई भी चिकित्सक सही समय पर नहीं आता है। 

सीएचसी पर आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस की नौ बजे तैयारी करती एक एएनएम और अन्य

सीएचसी सहपऊ पर दो चिकित्सकों की तैनाती है। सोमवार की सुबह आठ बजे तक सीएचसी पर कोई चिकित्सक नहीं पहुचने पर मरीजों को काफी परेशानी हुई। उस समय एक मरीज दिखी, गांव लोधई से मारपीट में घायल किशोरी सपना की बाजू में चोट लगने से खून बह रहा था। उसके साथ उसका भाई था। दोनों का कहना था कि पहले तो कोतवाली से ही उनको उपचार के लिए काफी देर से सीएचसी पर भेजा, यहां साढ़े आठ बजे के बैठे हैं। बिना डॉक्टर के उनको कोई उपचार नहीं कर रहा है। उनका कहना था कि भगवान का शुक्र है कि चोट बाजू में लगी है। यदि शरीर के किसी अन्य हिस्से में लगी होती और खून अधिक बह जाता, तो उनकी स्थित और भी खराब हो जाती।

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सोमवार को सीएचसी पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का नौ बजे से आयोजन प्रारम्भ होना था, लेकिन नौ बजे तक केवल एक एएनएम वहां पर व्यवस्था करवा रही थी। इसके बाद दातों की डॉ0 पूजा कपूर नौ बज कर दो मिनट पर सीएचसी पर पहुंची। उससे पहले सीएचसी पर दोनों फार्मसिस्ट, सफाई कर्मचारी और तीन अन्य कर्मचारी ही सीएचसी पर पहुंचे थे । 

शनिवार को सुबह दस बजे एसडीएम संजय कुमार ने सीएचसी का औचक निरीक्षण किया था। औचक निरीक्षण में उनको भी काफी खांमियां मिलीं थीं। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए उच्चाधिकारियों को इसके लिए लिखित में सूचित किया था। इसके बावजूद चिकित्सक सुधरने का नाम नहीं ले रहे।

मैं सीएचसी पर आठ बजे का आया हूं। यहां नौ बजे तक कोई डॉक्टर नहीं मिला है। काफी परेशान हूं। 15 दिन पहले भी इसी प्रकार डॉक्टरों का मुझे इंतजार करना पड़ा। – हरचरन यादव, गांव थरौरा

गांव में मारपीट होने से मेरी बाजू में काफी चोट लगी है। काफी खून बह चुका है। यहां पुलिस के साथ साढ़े आठ बजे से बैठी हूं। मेरे साथ मेरे भाई के भी चोट लगी है। यहां कोई नहीं मिला है। – सपना, गांव लोधई



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